Traders angry due to weekly market closures

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    कलवण. प्रशासन ने कोरोना (Corona) फैलने के कारण नाशिक जिले (Nashik District) में साप्ताहिक बाजार बंद करने का फैसला किया है, लेकिन छोटे व्यापारी, जो अपनी आजीविका के लिए साप्ताहिक बाजार (Weekly, Market) पर निर्भर हैं,  नाराज हो गए हैं। लॉकडाउन (Lockdown) के बाद 7 से 8 महीने तक बाजार बंद थे, जिसे पिछले साल मार्च में घोषित किया गया था। बाजार को 2 महीने पहले 2 सप्ताह के बाद खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन एक बार फिर से प्रशासन ने बाजार को बंद (Close) करने का आदेश दिया है।

    यहां का साप्ताहिक बाजार हर बुधवार को भरता है। इस निर्णय से उन व्यापारियों में नाराजगी फैल गई, जो पहले से ही बंद के कारण वित्तीय संकट में हैं। व्यापारियों ने सीधे नगर पंचायत कार्यालय में जाकर मांग की कि बाजार को बंद न किया जाए और छोटे व्यापारियों के साथ न्याय करें। 

    प्रशासन को दिया ज्ञापन

    नगर पंचायत प्रमुख डॉ. सचिन पटेल ने व्यवसाइयों से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की। साप्ताहिक बाजार व्यापारी संघ की ओर से एक ज्ञापन दिया गया। तहसीलदार को ज्ञापन देते समय व्यापारी समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पगार, चंद्रकांत बुटे, सचिन पगार, प्रह्लाद शिवदे, अमित भावसार, दिलीप पवार, दिगंबर व्यवहारे, पंकज मोरे, सुनील मोरे, दुर्गाजी कायस्थ, गणेश पगार, मिथुन पगार, विकास वाडेकर, विष्णु शिवदे, केदार वंदे, संजय कापडाने सहित अन्य व्यापारी उपस्थित थे।

    प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए बाजार को बंद करने का फैसला किया है, जो छोटे व्यापारियों के पेट पर लात मारने जैसा है। इस फैसले को तुरंत पलटा जाना चाहिए।

    -श्रीकृष्ण पगार, अध्यक्ष, साप्ताहिक बाजार व्यापारी संघ

    कई परिवारों की आजीविका साप्ताहिक बाजार पर निर्भर है। लाकडाउन के कारण बाजार के व्यापारियों की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। बाजार को फिर से बंद करने से क्या हासिल होगा? इसलिए प्रशासन को पहले बाजार के व्यापारियों की आजीविका पर विचार करना चाहिए।

    -चंद्रकांत बुटे, व्यवसायी