अप्रमाणित काढ़ा नुकसानदायक

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  • विशेषज्ञों ने किया नाशिकवासियों को सावधान
  • सेवन करने से हो रहे शरीर पर  दुष्परिणाम

देवलाली कैम्प. विश्वभर में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, इसलिए नागरिकों में भय का माहौल व्याप्त हुआ है. अब तक इस बीमारी पर असरकारक वैक्सीन नहीं मिली है, लेकिन बाजार में खुलेआम अप्रमाणित काढ़े की बिक्री हो रही है. यह अप्रमाणित काढ़ा स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है ऐसे संकेत विशेषज्ञों ने दिये हैं. कोरोना पर इलाज के लिए होने वाला खर्च, मौत की बढ़ती संख्या के कारण नागरिक वर्तमान में काढ़ा लेने पर जोर दे रहे हैं. 

कई लोग सोशल मीडिया पर पढ़कर काढ़ा का उपयोग कर रहे हैं. इससे स्वास्थ्य समस्या पैदा होने की संभावना है, क्योंकि संबंधित सामग्री चिकित्सा शास्त्र के अनुसार नहीं होती. इस काढ़ा में सोंठ, पिंपल, मिर्च, दालचीनी, लौंग आदि उष्ण गुणधर्म की चीजें होती हैं. प्राथमिक लक्षणों में यह काढ़ा उपयोगी हो सकता है, लेकिन लक्षण नहीं होने के बावजूद काढ़ा लेकर उसके दुष्परिणाम होने की संभावना जताई गई है. 

शुरुआत में काढ़ा पीना उचित

विशेषज्ञों ने बताया कि वायरल इन्फेक्शन के शुरुआती 5 से 7 दिनों तक यह काढ़ा लेना उचित है, लेकिन बिना वजह एक माह तक यह काढ़ा लेने से दुष्परिणाम हो सकता है. कई लोगों को गलत तरीके से दवाएं लेने से तकलीफों का सामना करना पड़ा है. 

क्या कहता है आयुष मंत्रालय?

संक्रमण होने पर शुरुआत में प्राथमिक इलाज के रूप में आयुष मंत्रालय ने काढ़ा लेने की बात कही थी, लेकिन बिना वजह कुछ लोग दिन में 3 बार काढ़ा ले रहे हैं. मूलत: किसी भी प्रकार का वायरल इन्फेक्शन होने और सर्दी, बुखार, गले में दर्द होना, खांसी होने पर ही आयुष मंत्रालय ने काढ़ा लेने की बात कही है.

अप्रमाणित काढ़ा से बचना जरूरीः विसपुते

बीएएमएस अमित विसपुते ने कहा कि निरोगी व्यक्ति को काढ़ा लेते समय उसे आयुर्वेदाचार्य (बीएएमएस) या डाक्टर से प्रमाणित करना जरूरी है. काढ़ा सामग्री दुकान से खरीदते समय सावधानी बरतें, अप्रमाणित काढ़ा खरीदने से बचना जरूरी है. वर्ना विपरीत परिणाम हो सकते है.