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नाशिक. ऑनलाइन लेन-देन (Online transaction) करते समय खाताधारक को हमेशा सावधान रहना चाहिए। क्यूंकि साइबर चोर अब केवल बैंक खातों पर नज़र रखे हुए हैं। लोगों की सतर्कता से पुलिस को साइबर चोरों (Cyber ​​thieves) को लोगों की गाढ़ी कमाई चुराने से रोकने में मदद मिलती है। एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के साथ ऐसी ही घटना हुई। समय पर शिकायत दर्ज करके पुलिस ने न केवल उस व्यक्ति के 1 लाख रुपये बचाए, बल्कि उसे अन्य नागरिकों से 80,000 रुपए लेने से भी रोक दिया, जिन्होंने धोखे से अपने खाते में जमा किया था। सोपान गोतिराम एंडाइत (73) ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई।

एंडाइत एचएएचएल से सेवानिवृत्त हैं। उनका पास एक बैंक खाता है और वह क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग भी करते हैं। एंडाइत ने 4 दिसंबर की शाम को एक फोन कॉल रिसीव किया। चोरों ने उनसे कार्ड की जानकारी हासिल की और ‘वन टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) की मदद से कार्ड से 1 लाख रुपए निकाल लिए। जैसे ही एंडाइत को यह संदेश मिला कि पैसा चला गया है, एंडाइत पुलिस स्टेशन पहुंच गए। 

धोखाधड़ी की संख्या एक लाख की राशि थी, इसलिए उन्हें साइबर पुलिस स्टेशन भेज दिया गया। वहां मौजूद पुलिस ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी। कुल राशि में से 70,000 रुपये कैश फ्री रिटेल वॉलेट में और 30,000 रुपए एमपीएल गेमिंग ऐप के खाते में स्थानांतरित किए गए थे। साइबर पुलिस ने तुरंत संबंधित कंपनियों को मेल किया। उन्होंने फोन पर नोडल अधिकारियों को भी सूचित किया। कुछ ही घंटों में एंडाइत की राशि उन्हें मिल गई और छह और खाते से पैसे नहीं निकाल सके।