Villagers wandering for water

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    इगतपुरी. इगतपुरी तहसील (Igatpuri Tehsil) को बांध (Dam) और सबसे अधिक बारिश (Rain) होने के लिए पहचाना जाता है, लेकिन तहसीलवासी आज भी जल किल्लत का सामना कर रहे हैं। तहसील के आवलखेड़ गांव (Avalkhed village) के लोगों को पानी के लिए दो किलो मीटर दूर जाना पड़ता है। विशेष यह है कि यह गांव इगतपुरी से केवल 7 किलोमीटर दूर होने के बाद भी यहां सड़क और पानी की व्यवस्था नहीं है। 

    1200 जनसंख्या वाले इस गांव के सरपंच कृष्णा कैवारी और उप सरपंच संदीप पवार ने विधायक, जिला परिषद, पंचायत समिति को ज्ञापन देने के बाद भी समस्या कम नहीं हो रही है इसलिए सरपंच और उपसरपंच लाचार दिखाई दे रहे हैं।

    टैंकर से जलापूर्ति अपर्याप्त

    सरपंच ने कहा कि खाना मत दो, लेकिन पानी दो। अप्रैल माह से दो टैंकर से जलापूर्ति हो रही है, लेकिन गांव की आबाधी 1200 होने से जल किल्लत कायम है। ऐसे में गांव में होने वाले कुएं बहुत दूर हैं। वृद्ध और गर्भवती महिलाओं को पानी लाने के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव के नागरिकों को इगतपुरी तहसील में आने के लिए 7 किलोमीटर का अंतर है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए एक घंटा लगता है क्योंकि सड़कें न के बराबर हैं इसलिए गांव को गोद लेने की अपील ग्रामीण कर रहे हैं। 

    गांव में 3 कुएं हैं, जिसमें से दो सूख चुके

    गांव में 3 कुएं हैं, जिसमें से दो सूख चुके हैं। एक कुएं से पानी भरने के लिए महिलाओं की लंबी कतारें लग रही हैं। प्रशासन द्वारा दो टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन पानी कम पड़ रहा है। बांध से गांव तक पानी के लिए योजना कार्यान्वित की तो पानी की समस्या हल हो सकती है लेकिन इस ओर प्रशासन और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं।

    पिछले कई सालों से हम पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं। इस समस्या को हल करने के लिए कई बार विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि और प्रशासन को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

    - कृष्णा कैवारी, सरपंच

    गांव की महिलाओं को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है लेकिन इगतपुरी शहर से 7 किलो मीटर अंतर पर होने वाले गांव में सड़कें न के बराबर है। तहसील में पहुंचने के लिए एक घंटा लगता है।

    -संदीप पवार, उप सरपंच