woman farmer surprised everyone by cultivating the ideal, various fruits, crops grown in 30 acres copy

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    कलवण. सुयोग्य नियोजन, अथक परिश्रम और अभ्यासपूर्ण प्रयत्न के साथ मेहनत को जोड़कर 30 एकड़ क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के फलों के पेड़ और फसलों का उत्पादन सफलतापूर्वक करते हुए मानुर तहसील (Manur Tehsil Kalvan) की श्रीलेखा पाटील (Srilekha Patil) ने अपनी कड़ी मेहनत से खेती को नया आयाम दिया। पारंपरिक खेती के साथ खेत में नए–नए प्रयोग करके किसानों (Farmers) के सामने आदर्श उदाहरण पेश किया है। 

    कलवण तहसील के मानूर निवासी डॉ. अप्पासाहब पवार की पुत्री श्रीलेखा पाटील ने मानूर गांव स्थित अपने खेत में बेहतरीन योजना बनाकर विभिन्न फसलें लगाई हैं और दिखाया है कि एक महिला अपनी बुद्धि और कड़ी मेहनत के बल पर अच्छी योजना बनाकर कृषि का विकास कर सकती है।

    अच्छी हुई केसर आम, खपली गेहूं की खेती

    उन्होंने 2 एकड़ के क्षेत्र में केसर आम के पौधे लगाए हैं और अच्छी योजना के कारण आम बड़ी संख्या में फले-फूले हैं। पाटील ने अपने खेत में खपली गेहूं उगाने का भी प्रयोग किया है और यह गेहूं पश्चिमी महाराष्ट्र में विशेष रूप से सोलापुर, कोल्हापुर, सातारा, सांगली में उगाया जाता है। खपली गेहूं की विशेषता यह है कि यह फसल के बाद भी दृढ़ रहता है। इसका उपयोग बीज के रूप में भी किया जाता है। जब पिसे हुए गेहूं को खाने के लिए इस्तेमाल करना हो तो उसे मिल में ले जाकर कूटना पड़ता है। गेहूँ का रंग लाल होता है और इसके डंठल लंबे होते हैं। एक क्विंटल खपली से 70 किलो गेहूं मिलता है। पाटील ने सफलतापूर्वक खपली गेहूं का उत्पादन किया है। कुछ क्षेत्रों में अदरक की खेती की गई है और अदरक का उत्पादन भी किया जा रहा है।

    2000 से ज्यादा पेड़

    श्रीलेखा पाटिल ने सामाजिक वानिकी के माध्यम से अपने खेत के बांध के किनारे 2000 से अधिक विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाए हैं और पूरा क्षेत्र हरियाली से दर्शनीय हो गया है। श्रीलेखा पाटील ने कृषि क्षेत्र में हमेशा नए-नए प्रयोग करने का प्रयत्न किया है। सामाजिक क्षेत्र में भी उन्होंने अपने कार्य की छाप छोड़ी है। स्व. डॉ. अप्पासाहब पवार की वह बेटी हैं और सोलापुर जिले के श्रीराम शिक्षण संस्था के अध्यक्ष प्रकाश पाटील की पत्नी हैं। श्रीलेखा पाटील इस संस्था की सचिव भी हैं और साथ ही मालशिरस तहसील के पानिव गांव की सरपंच हैं।

    अपने पिता डॉ. अप्पासाहब पवार की प्रेरणा से मैंने खेत में नए-नए प्रयोग किए। केशर आम, अमरुद, केला जैसे फलों के साथ खपली गेहूं, अद्रक इन फसलों का उत्पादन किया है। किसानों को चाहिए कि वह पारंपरिक खेती के साथ-साथ खेती व्यवसाय में नए प्रयोग करते रहें। उसका जरुर फायदा होगा।

    – श्रीलेखा पाटील, मानुर