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वाशिम. पुरानी रंजिश के चलते जान से मारने के उद्देश्य से की गई पिटाई के प्रकरण में न्यायालय के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश उल्हास हेजीब ने प्राप्त सबूतों के आधार पर तीन आरोपियों को दोषी करार देते

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वाशिम. पुरानी रंजिश के चलते जान से मारने के उद्देश्य से की गई पिटाई के प्रकरण में न्यायालय के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश उल्हास हेजीब ने प्राप्त सबूतों के आधार पर तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.

प्रकरण में फरियादी स्थानीय लहुजी नगर निवासी लीला हिरालाल मावळे ने 27 जून 2015 को वाशिम शहर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दी थी कि 26 जून 2015 की रात को वह अपने पुत्र व बहुओं के साथ भोजन के बाद घर के सामने बैठे थे़ घर के पड़ोस में रहने वाला इंद्रजीत जनार्धन ताजणे परिवार के साथ रहता है़ वह रात में करीब 10.30 बजे के दरम्यान शराब पीकर आया़ फरियादी का पुत्र मनोज ने इंद्रजित को कहा कि, तूने मेरे पिता को घूसों से मारा़ जिससे मेरे पिता की मृत्यु हो गई़ ऐसा कहने पर इंद्रजित ने मेरे पुत्र के साथ गालीगलोच की़ इसी समय इंद्रजीत का रिश्तेदार संतोष इंगोले व पत्नी नंदा ताजने ने इंद्रजीत को चाकू लाकर दिया.

संतोष इंगोले ने मेरे पुत्र के हाथ पकड़े व इंद्रजीत ने सिर पर चाकू मारा़ इसमें मनोज गंभीर रुप से घायल हो गया़ इस समय मेरी दोनो बहुएं भी उपस्थित थी़ पड़ोसियों ने झगड़ा सुलझाया. मेरे पुत्र को इंद्रजीत, संतोष, नंदा ताजणे ने जान से मारने के उद्देश्य से सिर पर चाकू मारकर घायल किया. घायल मनोज को तत्काल उपचारार्थ भेजा गया़ इस प्रकार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराके छानबीन कर मामला न्यायप्राप्ति के लिए न्यायप्रविष्ठ किया़

8 गवाह पेश किए
प्रकरण में सरकार की ओर से 8 गवाह पेश किए गए़ वैद्यकीय अहवाल व गवाहो को ग्राह्य मानते हुए न्यायाधीश ने इंद्रजीत ताजणे, संतोष इंगोले व नंदा ताजणे को 7 वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न होने की स्थिति में अतिरिक्त तीन महिने की कारावास की सजा सुनाई. प्रकरण में सरकारी की ओर से सरकारी अभियोक्ता अभिजीत व्यवहारे पैरवी की़