BDO के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

कारंजा-घा़. पंस के बीडीओ उमेश नंदागवली के खिलाफ पंस ने अविश्वास प्रस्ताव लिया़ पदाधिकारियों का बार बार अपमान होने से पंस सदस्यों ने यह कदम उठाने की जानकारी है़ बीडीओ के भ्रष्टाचार के अनेक किस्से

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कारंजा-घा़. पंस के बीडीओ उमेश नंदागवली के खिलाफ पंस ने अविश्वास प्रस्ताव लिया़ पदाधिकारियों का बार बार अपमान होने से पंस सदस्यों ने यह कदम उठाने की जानकारी है़ बीडीओ के भ्रष्टाचार के अनेक किस्से प्रकाश में आये हैं.

पंस के बीडीओ नंदागवली के कुछ प्रकरणों में जांच के आदेश भी वरिष्ठों ने दिए़ बावजूद इसके पंस का एक भी सदस्य इस संबंध में बोलने के लिए तैयार नहीं था़ कारंजा पंस का पदभार संभालने के बाद से बीडीओ नंदागवली हमेशा चर्चा में रहे़ किन्तु पदाधिकारियों ने ‘तेरी भी चुप मेरी भी चुप’ की भूमिका ली़ बीडीओ के खिलाफ रोजगार गारंटी योजना, ग्रामसेवकों से असभ्य बर्ताव, कौशल्य विकास अंतर्गत भ्रष्टाचार, शिर्डी दौरे के समय ग्रापं सरपंच व उपसरपंचों का अवमान आदि प्रकरणों में शिकायतें हुई है़

-प्रत्येक से लिए 36,000 का धनादेश
कौशल्य विकास अंतर्गत 59 ग्रापं से प्रत्येकी 36 हजार रुपए के धनादेश लिये गए़ तीन दिनों का कार्यक्रम दो घंटे के भीतर निपटाया गया़ इतना ही नहीं तो एक शॉर्टफिल्म दिखाकर 3,400 रुपए अतिरिक्त वसूले गए़ इस संबंध में वरिष्ठों से शिकायत भी हुई किन्तु राजनीतिक संबधों के बदौलत बीडीओ ने प्रकरण दबाने की कोशीश की़ पालकमंत्री के निर्देशों के बाद जिप के अतिरिक्त मुकाअ बढे ने मामले की जांच की़ किन्तु अब तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं हो पाया़

दस माह बाद खुली नींद
उल्लेखनीय यह है कि, 27 दिसंबर 2018 में हुई आमसभा में पशुसंवर्धन विभाग के संबंध में लिया गया विषय, उक्त मासिक सभा में नहीं लिया गया़ उस समय बीडीओ ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह विषय सभा में समाविष्ट करने की बात करीब दस माह बाद पदाधिकारियों के ध्यान में आयी़ इतने दिनों तक पंस सदस्य क्या कर रहे थे, ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है़ इसके पूर्व भी सरपंच, आमजनता का अपमान बीडीओ ने किया़ किन्तु इससे पंस सदस्यों से कुछ लेनादेना नहीं. आज उनका अपमान होने से अविश्वास प्रस्ताव लिया गया़

सभापति से की थी शिकायत : घागरे
कांग्रेस के पंस गुटनेता टिकाराम घागरे ने बताया कि, सभागृह में कांग्रेस के मात्र 2 सदस्य है़ बीडीओ के मनमानी के खिलाफ कई बार सभापति से शिकायत की गई़ किन्तु कांग्रेस का बहुमत न होने से इसका उपयोग नहीं हुआ़ अन्यथा इसके पूर्व ही बीडीओ के खिलाफ अविश्वास लाया जा सकता था़