By नवभारत | Updated Date: Nov 8 2019 10:01PM |
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अमरावती. जिला परिषद की 1602 शालाओं में से 415 शालाएं जर्जर हो चुकी है. हजारों छात्र जान हथेली में लेकर रोजाना स्कूल में पहुंचते हैं. लगातार मुख्याध्यापकों व्दारा पत्र व्यवहार कर शिकायत करने के बाद शाला दुरुस्ती के लिए शासन से 5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. लेकिन यह निधि भी कई महीनों से ट्रेजरी में ही पड़ी है. शिक्षाधिकारी कार्यालय को शाला की कक्षाओं की दुरुस्ती करने के लिए समय नहीं मिल रहा. परिणामत: शाला का सत्र आधे से अधिक समाप्त होने के बावजूद शाला दुरुस्ती का नियोजन नहीं किये जाने से हजारों छात्र क्षतिग्रस्त कक्षाओं में पढ़ने पर विवश है.
शिक्षा विभाग गंभीर नहीं
जिला परिषद की 1602 शालाओं में से ऐसी कई शालाएं है जिन्हें 100 से अधिक वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. ऐसी शालाओं की कक्षाएं पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस वर्ष सर्वाधिक बारिश होने से दिवारों से पानी कक्षाओं में जमा हो गया है. बारिश के दिनों में शालाओं में बैठने के लिए छात्रों को जगह भी नहीं रहती. कई शालाएं ऐसी है, जहां छत ही नहीं रहने से पानी सीधे टपकता है. ऐसे में अभिभावक भी छात्रों को शालाओं में भेजने से कतराते हैं जिसके चलते मुख्याध्यापकों ने शासन से कई बार पत्रव्यवहार कर निधि की मांग की. सरकार ने भी जिप को शाला दुरुस्ती के लिए 5 करोड रुपयों की निधी भी उपलब्ध कराई. किंतु शिक्षा विभाग ही शालाओं की दुरुस्ती पर गंभीर नहीं रहने से इस निधि का अभी तक नियोजन नहीं हो पाया. जर्जर हुई दिवारें गीली रहने से कभी भी अनुचित घटना हो सकती है, क्या तब जाकर शिक्षा विभाग की आंखे खुलेगी ऐसा सवाल अभिभावकों व्दारा किया जा रहा है.
पटसंख्या कम, शिक्षक भी गायब
जिला परिषद की शालाएं पहले ही व्यवस्था को लेकर बदनाम है. अन्य निजी शालाओं की तुलना में व्यवस्था और शिक्षा हाईटेक नहीं रहने से पटसंख्या भी कम है. इसे बढ़ाने की बजाए शिक्षक भी अपने ही काम में जुटे हैं जिसके चलते अधिकांश शालाओं के शिक्षक गायब ही रहते हैं. इसलिए अभिभावक भी अच्छी शिक्षा के लिए निजी शालाओं को पसंद कर रहे हैं. यह सभी बातें शिक्षा विभाग समेत शिक्षकों तथा शिक्षा विभाग को पता रहने के बावजूद किसी भी प्रकार की व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही है.
5 करोड़ की निधि प्राप्त
शासन की ओर से शाला दुरुस्ती के लिए 5 करोड़ रुपयों की निधि उपलब्ध हुई है. जिन शालाओं के दुरुस्ती के प्रस्ताव प्राप्त हुए उन्हें सबसे पहले निधि वितरित की जायेगी. बावजूद इसके जो शालाएं काफी जर्जर हुई है, ऐसी शालाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा.
-प्रिया देशमुख, शिक्षाधिकारी प्राथमिक
अधिकारियों को देंगे निर्देश
शासन की ओर से जिप शाला दुरुस्ती के लिए निधि प्राप्त हुई है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण काम प्रलंबित रहे. लेकिन अब शाला दुरुस्ती के काम ही तुरंत शुरू किये जायेंगे. जिन शालाओं के प्रस्ताव मंगाये हैं उन्हें तुरंत निधि वितरित की जायेगी.
-जयंत देशमुख, सभापति शिक्षा