By नवभारत | Updated Date: Nov 8 2019 9:44PM |
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अमरावती. इन दिनों राज्य के सभी प्रमुख रास्तों पर बड़े पैमाने पर गड्ढे देखे जा सकते है. जिसकी वजह से दिनोंदिन सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ रही है. जिसके मद्देनजर राज्य के नागरिकों व वाहनों के लिए पूरी तरह से खतरनाक बन चुके इन गड्ढों को 30 नवंबर से पहले बुझाने के आदेश राज्य के लोकनिर्माण विभाग के सचिव (सड़क) सी. पी. जोशी व्दारा जारी किये गये है.
वीडियो कांफ्रेसिंग पर समीक्षा
इससे पहले विगत शनिवार 2 नवंबर को सचिव सी.पी. जोशी ने लोकनिर्माण विभाग के राज्य के सभी मुख्य व अधीक्षक अभियंताओं से वीडियो कांफ्रेसिंग पर ढाई घंटे चर्चा की और सड़कों पर रहनेवाले गड्ढों की स्थिति की समीक्षा की. इसी बैठक में लोकनिर्माण अभियंताओं को पीडब्ल्यूडी के अधीन राज्यमार्ग व प्रमुख जिला मार्ग पर स्थित सभी गड्ढों को जल्द से जल्द बुझाने का निर्देश दिया गया है. जिसके लिए सभी अभियंताओं को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम भी दिया गया है. विभाग के सचिव व्दारा दिये गये आदेश के चलते इस समय समूचे राज्य में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के सभी अभियंता गड्ढों बुझाने हेतु सड़क पर आकर गड्ढों बुझाने का काम करवाते दिखाई दे रहे है. जानकारी के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग के सामने अब इस माह के अंत तक हर एक जिले में प्रमुख जिला मार्ग व राज्यमार्ग के गड्ढों को बुझाना ही एकमात्र टार्गेट है.
इमेज संवारने का प्रयास
कई शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाली सड़कों पर बडे पैमाने पर गड्ढे पड गये है. जिसके खिलाफ नागरिकों में जबर्दस्त रोष है. किंतु खस्ताहाल हो चुकी अधिकांश सड़कें जिला परिषद, महानगरपालिका व नगर परिषद के कार्यक्षेत्र में आती है. किंतु यह तकनीकी बात सहजरूप से ध्यान व समझ में नहीं आने की वजह से सामान्य नागरिकों व्दारा लोकनिर्माण विभाग को आडे हाथ लिया जाता है. जिसकी वजह से लोकनिर्माण विभाग की प्रतिमा मलीन हुई है. ऐसे में इस तांत्रिक दोष दूर करने हेतु राज्य के लोकनिर्माण विभाग व्दारा विभाग में आनेवाले सभी राज्यमार्ग व प्रमुख जिला मार्गों पर स्थित गड्ढे जल्द से जल्द बुझाने की मुहिम शुरू की गई है. इन गड्ढों की वजह से लोकनिर्माण विभाग की प्रतिमा के भी गड्ढें में जाने की नौबत आ गयी है. ऐसे में जल्द से जल्द इन गड्ढों को बुझाकर विभाग की प्रतिमा को संवारने का प्रयास किया जा रहा है.
CE, SE पर जिम्मेदारी
राज्य मार्ग पर स्थित सभी गड्ढें बुझा दिये गये है अथवा नहीं, इसकी जांच करने की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रादेशिक मुख्य अभियंता (सीई) को सौंपी गयी है, वहीं जिला मार्ग की जिम्मेदारी अधीक्षक अभियंता (एसई) को दी गई है.