By नवभारत | Updated Date: Nov 10 2019 12:12AM |
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भुवनेश्वर. बेहद शक्तिशाली तूफान के कारण मध्य ओडिशा के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, पेड़ उखड़ गए और सड़क संपर्क टूट गया. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है हालांकि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों में कई स्थानों पर बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए. मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और इससे निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कमिर्यों ने प्रभावित इलाकों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए उखड़े पेड़ों को सड़कों से हटाने का काम शुरू कर दिया है. भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर बिस्वास ने बताया कि बेहद गंभीर श्रेणी का चक्रवाती तूफान अभी पारादीप से करीब 95 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में बंगाल की खाड़ी के उत्तरपश्चिम में है. ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई और मध्य ओडिशा के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा हुई. बिस्वास ने बताया कि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर और भद्रक जैसे जिलों में 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवा चली जबकि ज्यादातर तटीय इलाकों में तूफानी परिस्थितियां बनी रही.
एसआरसी ने बताया कि केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर ब्लॉक में अब तक सबसे अधिक 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जबकि भद्रक के चांदबाली में 150 मिमी. और जगतसिंहपुर जिले के तिरतोल में 100 मिमी. बारिश दर्ज की गयी. राज्य के कुछ तटीय क्षेत्रों में संवेदनशील और निचले इलाकों से करीब 3,000 लोगों को निकाला गया है. केंद्रपाड़ा जिला प्रशासन ने 1,070 लोगों को सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया.