By नवभारत | Updated Date: Nov 12 2019 9:32PM |
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दुमका देवघर. विधानसभा चुनाव को लेकर संथाल में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. भाजपा ने 52 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इससे कई चेहरे खिले तो कई के अरमानों पर पानी फिर गया. जरमुंडी विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज सीताराम पाठक बागी हो गए. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
पाठक ने बताया कि साजिश के तहत उन्हें टिकट नहीं दिया गया है. पार्टी के प्रदेश कार्य समिति सदस्य पाठक, गोड्डा सांसद डा. निशिकांत दुबे के पिछले कार्यकाल में सांसद प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. पाठक जरमुंडी से भाजपा टिकट के लिए 2014 के चुनाव से ही दावेदार थे. पार्टी ने 2014 में अभयकांत प्रसाद को जरमुंडी से टिकट दिया था. अभयकांत प्रसाद चुनाव हार गए थे. 2019 के चुनाव में भी सीताराम भाजपा टिकट के प्रबल दावेदारों में थे. इस बार पार्टी ने देवेंद्र कुंवर को प्रत्याशी घोषित किया है. टिकट नहीं दिए जाने से नाराज पाठक ने प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य पद के साथ ही पार्टी के प्राथमिक सदस्यता पद से भी इस्तीफा देने का निर्णय किया है.
उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर चुनाव मैदान में उतरने की बात कही है. इधर, पाठक के पक्ष में प्रखंड भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ तिवारी, महामंत्री अंकित राउत, आनंद दुबे, दिलीप हेंब्रम, मुन्ना सोरेन समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उपाध्यक्ष सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि भाजपा में योग्य प्रत्याशी की उपेक्षा की गई है.
जरमुंडी से भाजपा ने जिस व्यक्ति को टिकट मिला है, उनका यहां से लगातार चुनाव हारने का रिकॉर्ड रहा है. जनता में उनकी पकड़ नहीं है. वहीं महागठबंधन के तहत कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख के सामने झामुमो नेता विश्वनाथ राय भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं. 1995 व 2000 में जरमुंडी का प्रतिनिधित्व कर चुके देवेन्द्र कुंवर इस बार भाजपा के प्रत्याशी हैं. पिछली बार उन्होंने जेवीएम से भाग्य अजमाया था. वहीं जेवीएम से डॉ. संजय कुमार को सिंबल मिला है.