By नवभारत | Updated Date: Nov 20 2019 12:26AM |
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गोंदिया. जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में ठेका पद्धति पर कार्यरत एम्बुलेंस चालकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं की ओर शासन व प्रशासन का ध्यानाकर्षण करने जिला परिषद के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन शुरू कर दिया. जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र, ग्रामीण अस्पताल व सरकारी चिकित्सालयों में कार्यरत संविदा एम्बुलेंस चालकों की मांगे प्रलंबित हैं, उसे लेकर कई बार ज्ञापन देने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया. ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों से जिला चिकित्सालयों तक मरीजों को लाने ले जाने का काम उनके माध्यम से होता है,लेकिन अब जिले के सभी 78 वाहन चालकों ने 18 नवंबर से एम्बुलेंस चलाना बंद करते हुए जिप के सामने धरने पर बैठ गए.
यह सभी एम्बुलेंस चालक एक निजी कंपनी के अधीनस्थ ठेका पध्दति पर कार्यरत हैं. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार के 24 जुलाई 2019 को लागू किए गए नियमानुसार मजदूर के बेसिक में बढ़ोतरी कर उन्हें जुलाई 2019 से मानधन लागू किया जाए, अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें साप्ताहिक अवकाश सीएल, ईएल व मेडिकल लीव दी जाए, काम के 8 घंटे निश्चित कर काम की व छुट्टी का समय निश्चित करने, अतिरिक्त काम करने पर अतिरिक्त वेतन भत्ता देने, 1 अक्टूबर 2018 से कार्यरत वाहन चालकों को सरकारी अवकाश व अतिरिक्त किए गए काम का वेतन देने सहित अन्य मांगों का समावेश है. आंदोलन का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्रीकापुरे, उपाध्यक्ष रवि पडोले व सचिव चंद्रशेखर पटले कर रहे हैं. इसमें सरकारी एम्बुलेंस संविदा वाहन चालक संगठन के सभी पदाधिकारी व सदस्य शामिल हैं.