कोरोना: क्या चीन ने ढूंढ लिया है इसका इलाज !

आज विकसित या विकासशील देश हों सब कि हालत चिताजनक है. सारे देश अपने अपने तरह से कोरोना के इलाज पर संधान कर रहे हैं. वहीं अब एक खबर यह भी आ रही है कि corona संक्रमित मरीजों के खून से नए मरीजों का इलाज हो सकता है.

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नई दिल्ली,एक तरफ पूरा विश्व आज कोरोना के खिलाफ एक जंग  लड़ रहा है. आज विकसित या विकासशील देश हों सब कि हालत चिताजनक है. सारे देश अपने अपने तरह से कोरोना के  इलाज पर संधान कर रहे हैं. वहीं अब एक खबर यह भी आ रही है कि corona संक्रमित मरीजों के खून से नए मरीजों का इलाज हो सकता है.

क्या कहती है यह तकनीक 

दरअसल चीन के एक अस्पताल में यह तकनीक अपनाई जा रही है. वहां के द शेनझेन थर्ड पीपुल्स हॉस्पिटल ने एक दावा किया जिसमे उनके प्रबंधन ने निष्कर्ष दिया है कि कि पुराने ठीक मरीजों के खून के जरिए इलाज  के इस तरीके से कोरोना के नए मरीजों को ठीक किया जा सकता है. इसकी पुष्टि डेलीमेल वेबसाइट पर 27 मार्च को प्रकाशित हुई भी थी. वहीं इस पर अस्पताल ने दावा करते हुए कहा था किवह इस तकनीक से पांच मरीजों का इलाज कर चूका है जिनकी उम्र 36-73 वर्ष कि थी.इसके बारे में अस्पताल ने विस्तार से बताया कि इस तकनीक को कोवैलेसेंट प्लाज्मा कहा जाता है.  जिसमे  उनके वैज्ञानिक पुराने मरीजों के खून को नए मरीजों में डालकर उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है. इसके फलस्वरूप नए मरीज के अन्दर इस विषाणु के लिए एंटी बॉडीज या प्रतिरोधक क्षमता बढई जाती है जो कि फिर corona के वायरस को मार या दबा देतें हैं. शेनझेन अस्पताल के डॉक्टरों ने अब यह भी दवा किया है कि अब तक उन्होंने तीन पुरुष और दो महिलाओं का सफल इलाज इस तकनीक से किया है. 

आपको बता दें कि इस अस्पताल में उनका खुद का एक नेशनल क्लीनिकल रिसर्च सेंटर भी है. इनके उप-निदेशक लिउ यिंगजिया ने बताया कि ‘हमने विगत 30 जनवरी से ही कोरोना से ठीक हुए मरीजों कि खोजबीन शुरू कर दी थी. फिर इन लोगों में से प्लाज्मा निकाल कर स्टोर कर लिया गया था. जब नए मरीज आने लगे तो उन्हें यही प्लाज्मा का डोज  दिया जाने लगा.’ अब उन लोगों ने यह उम्मीद जतायी है कि इस तकनीक से लाखों लोगों कि जान बचाई जा सकती है.

WHO भी देता है सहमती 

वहीं  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम प्रमुख डॉ. माइक रियान ने चीन के इस अस्पताल कि तकनीक को नायब बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक अच्छा कदम है और फिलहाल अभी इसके इलाज के लिए यही अचा विकल्प है जिससे हम इस corona विषाणु को हरा सकते हैं.