कानून उल्लंघन : भाजपा विधायक सुरजीतसिंह ठाकुर और शिवसेना के संभाजी शिंदे पर अपराध दर्ज

पंढपुर पुलिस स्टेशन में राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन अधिनियम और साथ रोग अधिनियम के तहत विधायक ठाकुर और शिवसेना के सदस्य शिंदे पर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है

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सोलापुर. पंढरपुर में श्री विठ्ठल और रुक्मिणी माता की पूजा करने गए भाजपा और शिवसेना के विधायक पर मामला दर्ज किया गया है। चैत्र एकादशी के दिन यानि 4 अप्रैल को श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति के सदस्य, भाजपा विधायक सुरजीतसिंह ठाकुर और शिवसेना के संभाजी शिंदे ने अपनी पत्नियों के साथ पूजा की थी। इस संबंध में पंढपुर पुलिस स्टेशन में राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन अधिनियम और साथ रोग अधिनियम के तहत विधायक ठाकुर और शिवसेना के सदस्य शिंदे पर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

पुलिस अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, देश कोरोना के संकट से लड़ रहा है। इसके चलते राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन कानून लागु किया है। साथ ही राज्य सरकार ने जिला बंदी के आदेश दिए है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस बिच पंढरपुर में वारकरी संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण चैत्र एकादशी 4 अप्रैल को हुई। कोरोना के चलते श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति ने चैत्र वारी रद्द की थी। हालांकि, एकदशी के दिन नियमित पूजा श्री विठ्ठल और रुक्मिणीमाता मंदिर समिति के सदस्य विधायक सुजीतसिंह ठाकुर और संभाजी शिंदे द्वारा की गई।

इस बारे में पंढरपुर पुलिस स्टेशन के हवालदार बालाजी शिंदे ने शहर के पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। शिकायत में शिंदे ने लिखा कि, 4 अप्रैल को उस्मानाबाद जिले से विधायक सुजीतसिंह ठाकुर बिना किसी क़ानूनी अनुमति से पंढरपुर आए थे। साथ ही विधायक ठाकुर और सदस्य संभाजी शिंदे ने अपनी पत्नी के साथ पूजा की। वर्तमान में देश लॉकडाउन में है। इसलिए इन्होने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, साथ रोग निवारण अधिनियम का उल्लंघन किया। कोरोना वायरस फैलने का खतरा होने के बावजूद श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर में एक साथ आकर पूजा की। इस बालाजी शिंदे की शिकायत के आधार पर पंढरपुर शहर पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज किया गया है। आगे की जांच पुलिस निरीक्षक कारे कर रहे है। हालांकि, इस कार्रवाई से हलचल मची है। 

सीसीटीवी फुटेज देखें: विधायक ठाकुर
भाजपा विधायक सुरजीतसिंह ठाकुर ने कि, चैत्र एकादशी की नियमित पूजा के संबंध में मंदिर समिति ने 7 जनवरी 2020 को निर्णय लिया था। इसके लिए मै, मेरी पत्नी और एक  ऐसे तीनों ही थे। इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज और मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट भी देख सकते हो।