अनिल देशमुख: मरकज कार्यक्रम को कैसे मिली इजाजत, इसमें डोभाल-अमित शाह कि भूमिका संग्दिग्ध

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का है जिन्होंने अब तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभालऔर अमित शाह तीनों के ही कार्यकुशलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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मुंबई, एक तरफ जहाँ समूचा देश कोरोना से लड़ रहा है वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम पर पुरजोर राजनीति गरमा गई है. इसी कि कड़ी में अगला नाम महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का है जिन्होंने अब तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभालऔर अमित शाह तीनों के ही कार्यकुशलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर अनिल देशमुख ने आक्रमक रूप लेते हुए पूछा कि जब मुंबई के उपनगर वसई में 15 और 16 मार्च को तबलीगी का एक कार्यक्रम होने वाला था जिसे महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने कोई इजाज़त नहीं दी थी. लेकिन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और अमित शाह ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम को कैसे और क्यों करने कि इजाजत दी गई यह उनके समझ के परे है. उनका यह भी कहना था कि निजामुद्दीन स्थित मरकज के समीप ही पुलिस स्टेशन है लेकिन फिर भी वहां कार्यक्रम होने से क्यों नहीं रोका नहीं गया. वहीं उदेश्मुख ने इस बात कि भी हैरानी जताई कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रात के दो बजे मरकज में क्या कर रहे थे और क्या उनकी कोई गुप्त मीटिंग तबलीगी मरकज के मुखिया से हो रही थी. यह थोडा संदिग्ध है. उनका कहना था वैसे भी इनको रोकने का काम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का है या दिल्ली पुलिस कमिश्नर कि हसियत का नहीं है कोई कनिष्ट सहयोगी भी यह कर सकता था. इस पर इन दोनों और स्वयं अमित शाह ने अब तक कोई सफाई अभी तक क्यों नहीं दी? देशमुख ने यह भी कहा कि इन सबके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरी तरह जिम्मेदार है. आपको बता दें कि उक्त्त तबलीगी जमात के कार्यक्रम में दिल्ली और महाराष्ट्र के कई लोग शामिल हुए थे लेकिन अब तक पूरी तह से इनके बारे में पता नहीं चल सका है वही अनिल देशमुख भी इस पर अपील कर चुके हैं कि जो भी मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे वे सामने आकर स्वतः ही इसका टेस्ट करवाएं .