सेनाओं में बढ़ती महिला भागीदारी

सेना के तीनों अंगों आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में महिलाओं की भागीदारी होना सराहनीय है. लंबे समय तक महिलाओं को नाजुक या कोमलांगी मानकर उन्हें फौज से दूर रखा जाता रहा. थलसेना में भी मेडिकल कोर में डाक्टर

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सेना के तीनों अंगों आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में महिलाओं की भागीदारी होना सराहनीय है. लंबे समय तक महिलाओं को नाजुक या कोमलांगी मानकर उन्हें फौज से दूर रखा जाता रहा. थलसेना में भी मेडिकल कोर में डाक्टर या नर्स के रूप में उनकी सेवाएं सीमित थीं तथा उन्हें ज्यादा ऊंचा पद नहीं मिल पाता था. हाल ही में माधुरी कानेटकर को पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल का ओहदा मिल पाया जो कि गौरव की बात है. एयरफोर्स में भी महिला पायलट हैं लेकिन थलसेना और वायुसेना में उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन के साथ ग्राउंड ड्यूटी दी जाती रही. पिछले दिनों महिलाओं को स्थायी कमीशन देने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने  नौसेना में महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिए जाने की अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति डीवाय चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि महिलाओं में भी पुरुषों की तरह समुद्र में रहने की काबिलियत है. महिलाओं पर लैंगिक आधार पर रोक नहीं लगाई जा सकती. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को ठुकरा दिया जिसमें महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का जिक्र किया गया था. कोर्ट ने कहा कि सामाजिक व मानसिक कारण बताकर महिला अधिकारियों को अवसर से वंचित करना बहुत गलत है. उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिस नौसेना में महिलाओं का प्रवेश लंबे समय तक प्रतिबंधित था, उसमें अब महिला शक्ति नजर आएगी. सुको पहले भी केंद्र सरकार को इस मामले में फटकार लगा चुका है. सरकार ने कह दिया था कि कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, वह उसे मानने के लिए तैयार है. पहले यह दलील दी गई थी कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिका (काम्बेटेंट रोल) देना ठीक नहीं होगा. ग्रामीण क्षेत्रों से आए पुरुष सैनिक उनका नेतृत्व सहजता से स्वीकार नहीं कर पाएंगे. उन्हें छोटी सी जगह में पुरुष सैनिकों के साथ रहना होगा. यदि युद्ध के दौरान दुश्मन ने उन्हें बंदी बनाया तो क्या होगा? महिलाएं स्वयं यह सारे जोखिम जानकर भी यदि साहस का परिचय दे रही हैं तो उन्हें क्यों रोका जाए? यह वही देश है जहां रानी लक्ष्मीबाई व रानी दुर्गावती ने शत्रुओं के दांत खट्टे किए थे.