देशमोदी पर विवादस्पद लेख लिखने वाले आतिश अली तासीर का OCI कार्ड रद्द, हुआ विवाद
नई दिल्ली, एक खबर के अनुसार, भारत सरकार ने आतीश का ओसीआई कार्ड रद्द कर दिया है जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया है.कई लोग इस फ़ैसले को टाइम पत्रिका में छपे उनके लेख से जोड़कर देख रहे हैं जिसमें उन्होंने
नई दिल्ली, एक खबर के अनुसार, भारत सरकार ने आतीश का ओसीआई कार्ड रद्द कर दिया है जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया है.कई लोग इस फ़ैसले को टाइम पत्रिका में छपे उनके लेख से जोड़कर देख रहे हैं जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए उन्हें ‘India’s Divider In Chief’ या ‘महाविभाजनकारी’ बताया था. विदित हो की भारत के गृह मंत्रालय ने गुरुवार को ये कहते हुए आतिश का ओसीआई दर्जा ख़त्म कर दिया जिसका का प्रमुख कारण है कि उन्होंने ये बात "छिपाई कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के थे". उधर आतिश तासीर का कहना है कि जवाब देने के लिए उन्हें समय ही नहीं दिया गया. सूत्रों के अनुसार आतिश अली तासीर के पिता सलमान तासीर पाकिस्तान के उदारवादी नेता थे. सलमान को उनके अंगरक्षक ने ही पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानून के ख़िलाफ़ बोलने पर गोली मार दी थी. तासीर की मां भारत की जानी-मानी पत्रकार तवलीन सिंह हैं.
क्या है ओसीआई कार्ड
ओसीआई कार्ड मूलतः भारतीय मूल के विदेशी लोगों को भारत आने, यहां रहने और काम करने का अधिकार देता है. हालांकि, उन्हें वोट देने और संवैधानिक पद प्राप्त करने जैसे कुछ अन्य अधिकार नहीं होते.भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) को ओसीआई (विदेश में रहने वाले भारतीय) कार्ड दिया जाता है.
क्या है आतिश तासीर का ओसीआई कार्ड मामला
असल में देखा जाये तो गुरुवार को अंग्रेज़ी न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ के एक लेख से शुरू होता है जिसमें लिखा था कि ‘टाइम पत्रिका में मोदी की आलोचना वाले लेख के बाद सरकार लेखक आतिश अली तासीर के ओसीआई कार्ड को रद्द करने पर विचार कर रही है.’ यह भी बताना जरुरी है कि आतिश ने अमरीका की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘टाइम’ के इस साल के मई अंक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक लेख लिखा था.पत्रिका के 20 मई 2019 वाले अंतरराष्ट्रीय संस्करण के कवर पेज पर छपे उस लेख के शीर्षक में नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ ‘India’s Divider In Chief (महाविभाजनकारी)’ लिखा गया था. इस लेख को लेकर भारत में काफ़ी विवाद भी हुआ था.
मगर ‘द प्रिंट’ की इस स्टोरी पर आपत्ति जताते हुए गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने गुरुवार रात को अपने ट्विटर हैंडल पर स्पष्टीकरण दिया और इसे ग़लत बताया.आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया है कि द प्रिंट में जो रिपोर्ट किया गया है वो पूरी तरह से ग़लत है और उसमें कोई तथ्य नहीं है. आतिश अली ने पीआईओ आवेदन करते समय ये बात छिपाई कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के थे. साथ ही उनके पीआईओ/ओसीआई कार्ड के संबंध में जवाब/आपत्तियां दर्ज करने का मौका दिया गया लेकिन वो ऐसा करने में असफ़ल रहे.आतिश अली तासीर नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार ओसीआई कार्ड प्राप्त करने के लिए आयोग्य हो जाते हैं. उन्होंने बुनियादी ज़रूरी बातों और छिपी हुई जानकारियों को लेकर स्पष्ट रूप से अनुपालन नहीं किया है.
Mr. Aatish Ali Taseer, while submitting his PIO application, concealed the fact that his late father was of Pakistani origin.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 7, 2019
इसके जवाब में आतिश तासीर का कहना है कि ये सच नहीं है और उनके पास कांउसिल जनरल की एक्नॉलेजमेंट (पावती) है. उनका ये भी कहना है कि उन्हें जवाब देने के लिए 21 दिनों की जगह सिर्फ़ 24 घंटों का समय दिया गया और तब से मंत्रालय की तरफ़ से उन्हें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है.उनका कहना है कि इसके लगभग दो घंटे बाद अपने ओसीआई कोर्ड के रद्द होने की जानकारी दी और इस संबंध में मिली सूचना वाले ईमेल का स्क्रीनशॉट शेयर भी किया, जिसमें नियमों का हवाला देते हुए ओसीआई पंजीकरण को रद्द करने की सूचना देते हुए आतिश तासीर को अपना ओसीआई कार्ड न्यूयॉर्क स्थित भारत के महावाणिज्यदूतावास में जमा करने के लिए कहा गया है.
This is untrue. Here is the Consul General’s acknowledgment of my reply. I was given not the full 21 days, but rather 24 hours to reply. I’ve heard nothing from the ministry since. https://t.co/z7OtTaLLeOpic.twitter.com/t3LBWUtkdi
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