नई दिल्ली: भारत के साथ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रही हैं. इस दौरान आम से लेकर खास तक एक साथ खड़े हैं. लेकिन इस दौरान एक खिलाडी हैं जिसे लोगों के ताने सुनने पड़ रहे हैं. हम बात कर भारतीय बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा की जिन्हे कोरोना वायरस के वजह से लोगो बातें सुन्ना पड़ रहा हैं. इसका खुलासा उन्होंने खुद किया। एक अख़बार को इंटरव्यू कि, एक चीनी माँ की बेटी होना काफी मुश्किल हैं, लोग अब मुझे हाफ कोरोना कहते हैं.
बतादें कि ज्वाला गुट्टा की माँ चीनी मूल की हैं. वह मूलतः सिंगापूर की रहने वाली थी. उन्होंने लव मैरिज की हैं। जिसके बाद से वह भारत में रहने लगी हैं.
नस्लीय टिप्प्पणी का शिकार
ज्वाला बताया कि, ” चीनी मूल की माँ होने के वजह से उन्हें कई बार नस्लीय टिप्पणी शिकार होना पड़ता हैं. लोग लोग उन्हें चीनी माल, हाफ चीनी, चिंकी कहते हैं.” वहीँ अब कोरोना वायरस वजह से हाफ कोरोना तक कहने लगें हैं.”
ज्वाला बताया कि, ” चीनी मूल की माँ होने के वजह से उन्हें कई बार नस्लीय टिप्पणी शिकार होना पड़ता हैं. लोग लोग उन्हें चीनी माल, हाफ चीनी, चिंकी कहते हैं.” वहीँ अब कोरोना वायरस वजह से हाफ कोरोना तक कहने लगें हैं.”
मलेरिया और टुबरक्लोसिस भी गंभीर समस्या
गुट्टा ने कहा ” एक चीनी माँ की बेटी होकर बड़े होना आसान नहीं हैं. लोग हमें एक भारतीय होने के बाद भी जब कोरोना कहकर भूल जाते कि हमारे देश में मलेरिया और टुबरक्लोसिस बड़ी समस्या हैं, लाखो लोंगो मौत इसके वजह से हो चुकी हैं.” उन्होंने कहा ” इसके कारण कोई बाहरी आप को यह कहके बुलाए तो कैसा लगेगा?.”
गुट्टा ने कहा ” एक चीनी माँ की बेटी होकर बड़े होना आसान नहीं हैं. लोग हमें एक भारतीय होने के बाद भी जब कोरोना कहकर भूल जाते कि हमारे देश में मलेरिया और टुबरक्लोसिस बड़ी समस्या हैं, लाखो लोंगो मौत इसके वजह से हो चुकी हैं.” उन्होंने कहा ” इसके कारण कोई बाहरी आप को यह कहके बुलाए तो कैसा लगेगा?.”
जो ट्रोल करते हैं वहीं फोटो खिचवाते हैं
सोशल साइट्स पर ट्रोल वालों को लेकर बैडमिंटन स्टार ने कहा ‘ लोग मुझे सोशल साइट्स पर माँ लेकर ट्रोल करते हैं वहीं सामने बाद फोटो खिचवाने की गुजारिश करते हैं.” उन्होंने कहा, ” हमारे बड़े शहरों में आज भी नार्थ ईस्ट के लोंगो को अपने चहरे के बनावट के वजह से हिंसा शिकार होना पड़ता हैं.”
सोशल साइट्स पर ट्रोल वालों को लेकर बैडमिंटन स्टार ने कहा ‘ लोग मुझे सोशल साइट्स पर माँ लेकर ट्रोल करते हैं वहीं सामने बाद फोटो खिचवाने की गुजारिश करते हैं.” उन्होंने कहा, ” हमारे बड़े शहरों में आज भी नार्थ ईस्ट के लोंगो को अपने चहरे के बनावट के वजह से हिंसा शिकार होना पड़ता हैं.”
परदादा थे शांति दूत
ज्वाला ने बताया कि ‘ मेरे परदादा रविंद्रनाथ टैगौर ने एक साथ पढाई की हैं. देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने उन्हें शांति दूत की उपाधि दी थी. मेरी माँ महात्मगांधी के जिवनी के अनुवाद के दादा की मदद करने के सिलसिले में भारत आई थी.
ज्वाला ने बताया कि ‘ मेरे परदादा रविंद्रनाथ टैगौर ने एक साथ पढाई की हैं. देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने उन्हें शांति दूत की उपाधि दी थी. मेरी माँ महात्मगांधी के जिवनी के अनुवाद के दादा की मदद करने के सिलसिले में भारत आई थी.