By नवभारत | Updated Date: Nov 22 2019 10:28AM |
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मुंबई, महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में रोज कुछ ना कुछ नया हो रहा है. एक तरफ शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार गठन में कामयाब होती दिख रही है. वहीं दूसरी तरफ कद्दावर नेताओं का अपने विरोधियों को लेकर टिका टिप्पणिओं का दौर भी चालू है. ताजा उदहारण में शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत का ट्वीट है जो उन्होंने आज सुबह ही किया है. जिसमे उन्होंने कहा कि ' कभी-कभी रिश्तों से बहार आ जाना ही अच्छा होता है, अहंकार के लिए नहीं.. स्वाभिमान के लिए!'
विदित हो कि कल उन्होंने ट्वीट करके कहा कि 'हम बुरे ही ठीक हैं, जब अच्छे थे तब कौन-सा मेडल मिल गया था'. जिससे साफ़ जाहिर है कि वो अपने पूर्व युति मित्र बीजेपी से पूरी तरह खफा हैं. वही आज के ट्वीट से ये साफ़ जाहिर है कि उनका गुस्सा बीजेपी के लिए कम नहीं हुआ है. वहीं राज्य सभा में उनके सीट बदले जाने पर भी उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा था. इन सब घटनाक्रमों से ये साफ़ जाहिर है कि वह बीजेपी से बहुत बुरी तरह खफा हैं. एम वेंकैया नायडू को लिखे अपने पात्र में उन्होंने कहा था कि 'राज्यसभा में मेरे बैठने की सीट तीसरी पंक्ति से पांचवीं पंक्ति में कर दी गई है. यह निर्णय किसी ने जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को आहत करने और हमारी आवाज दबाने के लिए लिया है'.
दूसरी तरफ उन्होंने ये इच्छा भी व्यक्त की है कि कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बने क्यूंकि महारष्ट्र की जनता की भी यही इच्छा है. विदित हो कि संजय राऊत ने गुरुवार को कहा था कि तीनों दल शनिवार को राज्यपाल से मिलने जाएंगे और उनसे मिलकर उन्हें कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद पर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है'. खबर ये भी है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के बीच सहमति बन गई है और आज इसका औपचारिक ऐलान भी हो सकता है.