पुण्यतिथि विशेष : ये हैं संजीव कुमार के सबसे बेहतरीन फ़िल्मी किरदार

मुंबई, अपनी बेहतरीन अदाकारी से हिंदी सिनेमा जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिग्गज अभिनेता संजीव कुमार आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वो हमेशा दर्शकों के दिलों में अमर रहेंगे। गुजराती

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मुंबई, अपनी बेहतरीन अदाकारी से हिंदी सिनेमा जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिग्गज अभिनेता संजीव कुमार आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वो हमेशा दर्शकों के दिलों में अमर रहेंगे। गुजराती परिवार में जन्मे संजीव कुमार का वास्तविक नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था और उनका जन्म 9 जुलाई 1938 को सूरत में हुआ था। अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर संजीव कुमार ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते। आइए, जानते है उनकी कुछ फिल्मों के बारे में।

शिकार :
साल 1968 में आई फिल्म ‘शिकार’ एक मर्डर मिस्ट्री है। इस फिल्म को आत्मा राम ने निर्मित और निर्देशित किया है। इस फिल्म में धर्मेंद्र और आशा पारेख मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म की कहानी में नरेश माथुर नाम का एक व्यक्ति एक लड़की के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है। उसी छीना झपटी में नरेश की मौत हो जाती है। लड़की इस घटना के बाद पुलिस के डर से वहां से फरार हो जाती है। बाकी की फिल्म इसी हत्या के असली हत्यारे को खोजने में निकलती है। इस फिल्म में संजीव कुमार का किरदार इंस्पेक्टर राय का है, जो इस हत्या की छानबीन करते हैं और असली गुनहगार को पकड़ते हैं। इस फिल्म में सहायक कलाकार के तौर पर संजीव कुमार को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।

दस्तक :
साल 1970 में आई फिल्म ‘दस्तक’ एक ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म राजिंदर सिंह बेदी के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी। इसके निर्माता और लेखक भी राजिंदर ही थे। फिल्म में संजीव कुमार, रेहाना सुल्तान और अंजू महेंद्रू मुख्य भूमिका में हैं।इस फिल्म में संजीव कुमार के किरदार का नाम हामिद है। उसने सलमा(रेहाना सुल्तान) से नई-नई शादी की है और एक भाड़े के फ्लैट में रहने के लिए आते हैं। इसी फ्लैट में इनसे पहले शमशाद बेगम नाम की एक मशहूर मुजरे वाली रहा करती थी। उसी की याद में लोग हर रोज हामिद के दरवाजे पर दस्तक देते थे।इस फिल्म के मुख्य किरदारों ने बेहतरीन अभिनय का नमूना पेश किया था। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।

खिलौना :
साल 1970 में आई फिल्म ‘खिलौना’ एक ड्रामा फिल्म है। इसके निर्माता एल. वी. प्रसाद और निर्देशक चंदर वोहरा हैं। संजीव कुमार के अलावा मुमताज, जितेंद्र और शत्रुघन सिन्हा ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है।कहानी में दिमागी तौर पर बीमार एक व्यक्ति विजयकमल है। उसके पिता ठाकुर सूरज सिंह एक तवायफ चांद(मुमताज) को अपने बेटे की पत्नी बनाकर उसे स्वस्थ बनाने का काम सौंपते हैं लेकिन विजय की मां और उसका भाई, चांद के नेक इरादों को कभी समझ नहीं नहीं पाते हैं और हमेशा उसे प्रताड़ित करते रहते हैं।इस फिल्म में एक पागल का बेहतरीन किरदार निभाने के लिए संजीव कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही यह फिल्म, तेलुगू फिल्म ‘पुनर्जन्म(1963)’ की रीमेक है।

कोशिश:
साल 1972 में आई फिल्म ‘कोशिश’ एक ड्रामा फिल्म है, जिसे गुलजार ने निर्देशित किया है।यह फिल्म एक गूंगे और बहरे जोड़े के इस असंवेदनशील समाज में खुद की जगह बनाने के टकराव, दर्द और संघर्ष को बयां करती है। फिल्म में हरिचरण और आरती माथुर का किरदार क्रमशः संजीव कुमार और जया भादुड़ी ने निभाया है। इस फिल्म में शानदार किरदार के लिए संजीव कुमार का नाम फिल्मफेयर के लिए नामित किया गया था।

आंधी:
साल 1975 में आई फिल्म ‘आंधी’ एक पोलिटिकल ड्रामा फिल्म है। इसके निर्देशक गुलजार हैं। इस फिल्म में संजीव कुमार के साथ बंगाली फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी में एक होटल का मैनेजर और एक एक राजनीतिज्ञ की बेटी एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं और शादी कर लेते हैं। कुछ कारणों से वह फिर अलग हो जाते हैं। कुछ सालों बाद वे फिर मिलते हैं और अपने रिश्ते को एक और मौका देने का फैसला करते हैं।फिल्म में जे.के. के किरदार के रूप में संजीव कुमार ने बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन किया। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से अलंकृत किया गया।

शोले:
साल 1975 में फिल्म ‘शोले’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दी। इसके निर्माता जी. पी. सिप्पी और इसके निर्देशक रमेश सिप्पी हैं। संजीव कुमार के अलावा अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, और अमजद खान मुख्य भूमिका में हैं। इस एक्शन-एडवेंचर फिल्म को सलीम-जावेद ने लिखा है। फिल्म की कहानी में एक गांव रामगढ़ में एक डाकू गब्बर सिंह का आतंक है। रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर ठाकुर बलदेव सिंह गब्बर को पकड़ने का जिम्मा दो चोर जय और वीरू को देते हैं।अपने बेहतरीन अभिनय के लिए संजीव कुमार को फिल्मफेयर के लिए नामित किया गया।

मौसम :
साल 1975 में आई फिल्म ‘मौसम’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। गुलजार के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक उपन्यास, ‘द जुडास ट्री’ पर आधारित है। संजीव कुमार के साथ शर्मिला टैगोर, दीना पाठक और ओम शिवपुरी फिल्म के मुख्य कलाकार हैं।फिल्म की कहानी अमरनाथ गिल नाम के व्यक्ति पर है। अमरनाथ अपने मेडिकल एग्जाम की तैयारी के लिए दार्जिलिंग जाते है। वहां एक लड़की चंदा से मिलता , और वे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। उनके बीच शारिरिक संबंध स्थापित होते है। फिर वापस लौटने का वादा करके अमरनाथ चंदा को छोड़कर चला जाता है। 25 साल बाद अमरनाथ चंदा को खोजने के लिए दार्जिलिंग आता है। वहां उसे पता चलता है कि उसकी एक बेटी है जो कि अब एक वेश्यालय में धंधा करती है।फिल्म में अमरनाथ के किरदार को बखूबी निभाने के लिए संजीव कुमार को बेस्ट एक्टर के लिए फिल्मफेयर में नामित किया गया।

अर्जुन पंडित :
साल 1976 में आई फिल्म ‘अर्जुन पंडित’ एक ड्रामा फिल्म है। इसे हृषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया था। फिल्म में संजीव कुमार, अशोक कुमार और विनोद मेहरा मुख्य भूमिका में हैं।फिल्म में अर्जुन का किरदार संजीव कुमार ने निभाया है। वह एक स्थानीय जमीदार के यहां प्रधान सेवक है। वह अपनी जवान बेटी के अलावा किसी की परवाह नहीं करता है। अर्जुन की बेटी गंभीर रूप से बीमार पड़ जाती है। उसके लिए अर्जुन एक डॉक्टर लेकर आता है। उस डॉक्टर से अर्जुन की गहरी मित्रता हो जाती है।इस फिल्म में संजीव कुमार ने एक पिता का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया।

जिंदगी :
साल 1976 में आई फिल्म ‘जिंदगी’ एक पारिवारिक ड्रामा फिल्म है। इसको रवि टंडन ने निर्देशित और रोमू सिप्पी निर्मित किया है। फिल्म में संजीव कुमार का किरदार रघु शुक्ला का है जो रिटायरमेंट के बाद अपनी पत्नी सरोजिनी के साथ सुखी जीवन व्यतीत करना चाहता है लेकिन उसके बच्चे नरेश और रमेश अपने माता-पिता को एक-दूसरे से अलग कर देते हैं। यह फिल्म 1937 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘मेक वे फॉर टुमॉरो’ पर आधारित है। फिल्म में रघु शुक्ला का किरदार शानदार ढंग से निभाने के लिए संजीव कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया। फिल्म के मुख्य किरदारों में संजीव कुमार के साथ माला सिन्हा, विनोद मेहरा और मौसमी चटर्जी हैं।

यही है जिंदगी:
साल 1977 में आई फिल्म ‘यही है जिंदगी’ ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म साल 1974 में आई तमिल फिल्म ‘कलियुगा कन्नन’ पर आधारित है। संजीव कुमार के साथ फिल्म में उत्पल दत्त और विक्रम गोखले मुख्य भूमिका में हैं। इसके निर्माता बी. नागी रेड्डी और निर्देशक के. एस. सेतुमाधवन हैं। फिल्म में संजीव कुमार ने आनंद नारायण का किरदार निभाया है। उसका एक भरा पूरा परिवार है। उसके सारे सपने तब चकनाचूर हो जाते हैं, जब उसे पता चलता है कि उसके आसपास रहने वाले और उसके खास लोगों के बहुत से राज हैं, जिनसे वे वह सबकुछ बर्बाद कर सकते हैं, जो उसने अपनी कड़ी मेहनत से पाया है।फिल्म में आनंद का किरदार बहुत ही शानदार है। इसके लिए संजीव कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया।

देवता :
साल 1978 में आई फिल्म ‘देवता’ एक ड्रामा फिल्म है। इसके निर्देशक एस रामनाथन हैं। फिल्म में संजीव कुमार, शबाना आजमी, राकेश रोशन, सारिका और बेंजामिन गिलानी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में एक अनाथ टोनी अपनी प्रेमिका से शादी कर लेता है। बच्चे के जन्म के वक्त वह अपनी पत्नी को खो देता है। फिर टोनी अपना सारा प्यार अपनी बेटी मैरी पर न्योछावर कर देता है। मैरी एक अय्याश लड़के से प्यार करने लगती है लेकिन वह लड़का शादी से इनकार कर देता है। टोनी लड़के से मिलने जाता है लेकिन लड़का उसे मरा हुआ मिलता है। टोनी अरेस्ट हो जाता है और उसे उम्रकैद की सजा होती है। फिर टोनी जेल से फरार हो जाता है और सालों बाद वह तरुण कुमार गुप्ता बनकर लौटता है।फिल्म में संजीव कुमार ने टोनी का किरदार बखूबी निभाया है। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया।

पति, पत्नी और वो :
साल 1978 में आई फिल्म ‘पति, पत्नी और वो’ एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है। इसको बीआर चोपड़ा ने निर्देशित और निर्मित किया है। फिल्म शादी के बाद किसी और के संबंध होने पर आधारित है। फिल्म के मुख्य किरदारों में संजीव कुमार के साथ विद्या सिन्हा और रंजीता कौर हैं।रंजीत चड्ढा ने शारदा से शादी की। उसकी कंपनी में उसका प्रमोशन होता है और उसे एक नई सेक्रेटरी निर्मला देशपांडे मिलती है। अपनी सेक्रेटरी की सहानुभूति पाने के लिए रंजीत अपनी बीवी को अपनी सेक्रेटरी की नज़र में बीमार घोषित कर देता है। बाद में शारदा को सारी सच्चाई का पता चल जाता है।संजीव कुमार ने रंजीत के रूप में दर्शकों को खूब हंसाया। इसके लिए संजीव को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया।

त्रिशूल :
साल 1978 में आई फिल्म ‘त्रिशूल’ ड्रामा फिल्म है। इसे सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा है। इनके निर्देशक यश चोपड़ा और निर्माता गुलशन राय हैं। फिल्म में संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, राखी और हेमा मालिनी मुख्य भूमिका में हैं। एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन राज कुमार गुप्ता एक रईसजादी से शादी करने के लिए अपने प्यार शांति को छोड़ देता है। शांति उसके बच्चे की मां बनने वाली है, लेकिन राज इसकी परवाह नहीं करता। शांति अपने बच्चे को जन्म देती है। शांति की मौत के बाद उसका लड़का अपने नाजायज बाप से अपनी मां का बदला लेता है।फिल्म में राज कुमार गुप्ता का किरदार संजीव कुमार ने निभाया है। दमदार अभिनय के लिए संजीव कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया।

अंगूर :
साल 1982 में आई फिल्म ‘अंगूर’ एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है। इसके निर्देशक गुलजार हैं। यह एक बंगाली फिल्म ‘भ्रांतिबिलास’ का रीमेक है। फिल्म में संजीव कुमार के साथ देवन वर्मा, मौसमी चटर्जी और दीप्ति नवल मुख्य भूमिका में हैं।फिल्म में दो जुड़वा बच्चों के जोड़े जन्म के समय बिछड़ जाते है, और जवानी में मिलते हैं। उनमें से एक जोड़ा ईमानदार और मासूम होता है, जबकि दूसरा इसका उल्टा चोर, उचक्का होता है। एक वक्त पर किस्मत सारे किरदारों को एक जगह ले आती है। इन सबके बीच पैदा हुई उलझनों के इर्द गिर्द ही फिल्म घूमती है।इस फिल्म में संजीव कुमार का दोहरा किरदार है। इस फिल्म में उनका किरदार भारतीय सिनेमा के अब तक के 25 बेहतरीन अभिनय में से एक है। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के नामित किया गया।