क्या है ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड और इसका CAB से संबंध

नई दिल्लीः विश्व के कई देशों ने दोहरी नागरिकता की सुविधा दी हैं। लेकिन भारतीय नागरिकता कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसे अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग करना

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    नई दिल्लीः विश्व के कई देशों ने दोहरी नागरिकता की सुविधा दी हैं। लेकिन भारतीय नागरिकता कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसे अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग करना होता हैं। इस कारण ऐसे लोगों की संख्या लाखों में हैं जो अमेरिका, ब्रिटेन या कनाडा जैसे देशों की नागरिकता लेकर वहां बसे हुए है और कही न कही वह भारत से जुड़े हैं। विदेशों में रहने और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीयों के लिए ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड की सुविधा भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं।  

    नागरिकता छोड़ देने के बाद ऐसे लोगो को भारत आने के लिए वीजा लेना पड़ता हैं। इसी मुश्किल को थोड़ा कम करने और ऐसे लोगो की मदद करने के लिए भारत सरकार ने 2003 में पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड का प्रावधान लाया। यह कार्ड पासपोर्ट की ही तरह 10 साल के लिए जारी किया जाता था। इसी क्रम में वर्ष 2006 में प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर भारत सरकार ने हैदराबाद में ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड देने की घोषणा की। काफी सालों तक पीआईओ और ओसीआई दोनों ही कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद वर्ष 2015 में सरकार ने पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड का प्रावधान खत्म करओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड का चलन जारी रखने की घोषणा की।

    किसे मिलती है ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड की सुविधा-

    यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो या तो पहले भारत के नागरिक हो या फिर उनके माता- पिता भारतीय नागरिक रहे हों। पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान और ईरान कुछ ऐसे देश हैं, जहां के भारतीय मूल के लोगों को यह सुविधा नहीं मिल सकती। OCI एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है। साथ ही OCI  धारक जब चाहे बिना वीजा के भारत आ सकता है। OCI कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है।

    भारतीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, OCI  कार्ड के धारकों के पास भारतीय नागरिकों की तरह लगभग सभी अधिकार हैं। लेकिन चार चीजे ऐसी भी है जिनकी उन्हें मनाही हैं… 

    • चुनाव नहीं लड़ सकते। 
    • वोट नहीं डाल सकते। 
    • सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर नहीं हो सकते। 
    • खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकते।

    विदेश से आने वाले लोगों को 90 दिन से अधिक भारत में रहने पर पुलिस में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है लेकिन OCI कार्ड धारक को इससे छूट मिल जाती है। भारतीय गृह मंत्रालय के मुताबिक अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को OCI  कार्ड जारी किया जा चुका है।

    यह भी पढ़ें: कौन है नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के अंतर्गत और इसके बाहर, जाने इसकी शर्ते

    नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पास होने से OCI पर क्या असर होगा?  
    2019 के इस संशोधन के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों के लिए 11 साल भारत में बिताने की शर्त घटाकर 6 साल की गई है।  नागरिकता अधिनियम के मुताबिक  बीते 14 सालों में से 11 साल भारत में बिताने वाले और बीते 12 महीनों से लगातार भारत में रह रहे लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।वह सभी विदेशी जो भारत में रह रहे है भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकेंगे।

    इस विधेयक में विदेशों में रहने वाले भारतीय नागिरकों के ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया कार्ड (OCI Card) रद्द करने के प्रावधान को भी शामिल किया है। लेकिन इसकी भी कई शर्ते हैं। अगर कोई OCI कार्डधारक केंद्र सरकार द्वारा जारी किए हुए अधिसूचित कानून का उल्लंघन करता है तो उससे विदेशी भारतीय नागरिकता वापस ले ली जाएगी। हालांकि, पूर्वोत्तर के सातों राज्यों (इन राज्यों के कुछ हिस्सों को छोड़कर) को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 से छूट मिली हुई है।