ठंड में आता है आलस तो आप करें ये योगासन

सर्दियों रात को नींद आती नहीं और सुबह को जाती नहीं। ऐसे में आप दिनभर आलस और सुस्ती महसूस करते हैं और इससे आपका काम भी प्रभावित होता है। अगर आपके साथ ऐसा हर रोज हो रहा है और आप इस आलस से छुटकारा पाना

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सर्दियों रात को नींद आती नहीं और सुबह को जाती नहीं। ऐसे में आप दिनभर आलस और सुस्ती महसूस करते हैं और इससे आपका काम भी प्रभावित होता है। अगर आपके साथ ऐसा हर रोज हो रहा है और आप इस आलस से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कुछ योगासन आपको अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेने चाहिए। 

सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार कई योग आसनों की एक सीरीज है जिसके जरिए आप पूरे शरीर को लाभ पहुंचा सकते हैं। यह शरीर के लगभग हर अंग को टारगेट करता है और उसे एक्टिव रखने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। यह शरीर के हर अंग को स्ट्रेच करता है इसलिए इसके अभ्यास से आपको उर्जा मिलती है और आलस दूर होता है।

अर्ध मत्स्येंद्रासन: यह आसन पेल्विस एरिया, जोड़ और कंधों पर काम करता है। इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन और सक्रियता बढ़ती हैं जिससे आलस को दूर करने में मदद मिलती है और आपका दिन ऊर्जावान जाता है। यह शरीर में स्पाइन से लेकर सिर तक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है। 

कटिचक्रासन: इस आसन का अभ्यास करने से एब्डोमेन एरिया के सभी अंगों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है, जिससे ये एक्टिव रहते हैं और बेहतर तरीके से काम करते हैं। साथ ही पेट में मौजूद टॉक्सिन्स भी इस ट्विस्ट पोज़ को करने से बाहर निकल जाते हैं, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं नहीं होती और आपका शरीर बेहतर तरीके से काम करता है।

भेकासन: यह आसन आपकी थाई को स्ट्रेच करता है और आपके शरीर को ऊर्जा और चुस्ती देता है साथ ही तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इसके अभ्यास से इंद्रियों को जागरूक करने में मदद मिलती है। यह पोज़ पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स को कम करने में भी मदद कर सकता है।

नौकासन: इस आसन के अभ्यास के लिए आपको जमीन पर कमर के बल लेटना है और फिर पैरों और हाथों को ऊपर की ओर उठाना है। इस दौरान हिप्स जमीन से मिले होने चाहिए और बाकी शरीर को ऊपर उठाना है। यह आसन आपके कमर, कंधे, पेट, हिप्स और पैर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार बना रहता है।