ममता का उजड़ता खेमा 18 माह में 4 सांसद 14 MLA ने साथ छोड़ा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  (Mamata Banerjee) का खेमा उजड़ता ही चला जा रहा है. पिछले 18 माह में पार्टी के 4 सांसदों और 14 विधायकों (MLA Resigns) ने उनका साथ छोड़ दिया. उनकी इस हालत को देखकर यही कहने का मन करता है- दीदी तेरा तेवर पुराना, श्रीराम का नारा ना लगाना. नड्डा-शाह से पड़ेगा टकराना, इलेक्शन में जोर आजमाना.’’

    हमने कहा, ‘‘बेकार की तुकबंदी छोड़िए. ममता की तानाशाही नीतियों से तंग आकर तृणमूल के नेता पार्टी से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. उन्हें लगता है कि मां, मानुष, माटी का नारा लगानेवाली पार्टी सचमुच मिट्टी में मिल जाएगी और बीजेपी की बगिया खिल उठेगी. राज्य में ‘पोरिबोर्तन’ होकर रहेगा. इन सांसदों-विधायकों ने उड़ती चिड़िया के पंख पहचान लिए हैं. उन्हेें एहसास हो गया है कि 3 पत्ती चुनाव चिन्ह वाली पार्टी का पत्ता कटनेवाला है. अब तो यही हालत है कि देखी जमाने की यारी, बिछुड़े सभी बारी-बारी! यहां तक कि चुनाव की घोषणा के पूर्व ही 3 वेद जाननेवाले दिनेश त्रिवेदी ने भी तृणमूल और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ममता की पार्टी में ऐसी भगदड़ क्यों मची है? उनके सांसदों-विधायकों को इस तरह मोहभंग क्यों हो गया?’’ हमने कहा, ‘‘दिनेश त्रिवेदी को अचानक अपनी आत्मा की आवाज सुनाई देने लगी. उन्होंने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में वह घड़ी आती है जब उसे अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है. यह निर्णय लेने का क्षण है. मुझे खेद है कि मैं बंगाल में हो रही हिंसा को नहीं रोक पाया. बंगाल के राजनीतिक वातावरण और हिंसा के कारण मेरा दम घुटता है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पार्टी छोड़ने का कोई बहाना तो खोजना ही पड़ता है. अब असली दिक्कत बीजेपी के सामने आएगी. ममता का साथ छोड़कर आए विधायकों को यदि बीजेपी चुनाव में टिकट देगी तो बीजेपी के पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता नाराज हो जाएंगे कि दलबदलुओं को सिरपर चढ़ाया जा रहा है. नड्डा और अमित शाह को इस स्थिति से भी निपटना पड़ेगा.’’ हमने कहा, ‘‘ममता का साफ कहना है कि ऐसे निकम्मे लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं जिन्हें अनुमान लग गया था कि इस बार उन्हें टिकट मिलनेवाला नहीं है. इसी दौरान बांग्ला फिल्मों के कुछ अभिनेता-अभिनेत्रियों ने दीदी पर भरोसा जताते हुए तृणमूल कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है. कोई जा रहा है तो कोई आ भी रहा है.’’