कैसा है कुदरत का कायदा हमले से ममता को हमेशा होता फायदा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz) चुनाव में अपनी और पार्टी (West Bengal Legislative Assembly election, 2021) की जीत की संभावना बनाने के लिए नेताओं को बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं. उन्हें एड़ी-चोटी का पसीना एक करना पड़ता है. उनके कठोर परिश्रम का आप अंदाज नहीं लगा सकते. उन्हें खाने-पीने तक होश नहीं रहता. ठीक से नींद भी नहीं ले पाते. न जाने उन्हें कितनी खटपट करनी पड़ती है.’’ हमने कहा, ‘‘आप भ्रम में हैं. उन्हें कुछ भी नहीं करना पड़ता. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का फार्मूला अपनाइए और चुनाव में सफलता की उम्मीद रखिए. जब-जब ममता पर हमला हुआ, तब-तब उन्हें इसका फायदा मिला.

    6 अगस्त 1990 को सीपीएम के गुंडे लालू आलम (Lalu alam) ने ममता बनर्जी पर जान लेवा हमला किया था तब वे यूथ कांग्रेस की नेता थीं. इस घटना के बाद वे एक फायर ब्रांड नेता के रूप में उभरीं. फिर 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु (Jyoti Basu) के सामने ममता को राइटर्स बिल्डिंग (सचिवालय) के सामने से घसीटकर बाहर किया गया. इसके बाद वे फिर सुर्खियों में आ गईं. 2006-07 में नंदीग्राम-सिंगूर आंदोलन के समय भी उन पर हमले की कोशिश हुई तो 2011 में वे सरकार में आ गईं जब भी हमला हुआ, ममता की किस्मत खुल गई. अब फिर उन्हें नंदीग्राम में चोट आ गई. वे व्हील चेयर से ही प्रचार शुरु करेंगी और उन्हें सहानुभूमि का लाभ मिलेगा.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, घटना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि यह एक एक्सीडेंट था, न कि हमला. ममता ने कहा कि मुझे धक्का दिया गया जिससे मुझे काफी चोट आई है. वे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हैं और उनका बायां पैर प्लास्टर में है. ममता को चोट के मामले में तृणमूल महासचिव  और मंत्री पार्थ चटर्जी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह ममता को सुरक्षा उपलब्ध कराने में विफल रहा. आयोग ने राज्य के डीसीपी को हटा दिया और दूसरे ही दिन ममता पर हमला हो गया. टीएमसी के नेता पार्थ चटर्जी डेरेक ओ ब्रायन व चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि ममता की हत्या की साजिश रची गई. हमने कहा, बीजेपी ने इस घटना को टीएमसी का बवाल बताते हुए कहा कि यह ड्रामेबाजी है. इसके बावजूद चुनाव के दौरान नेता को जरा भी चोट आ जाए तो सहानुभूति उमड़ पड़ती है. पता नहीं, ऐसा जानबूझकर होता है अथवा संयोग की बात है. पहले ममता की स्कूटी डगमगाई और बाद में कुछ लोगों द्वारा कार के दरवाजे को धक्का देने से यह चोट लगी. देखना होगा कि चुनाव में यह चोट कितना रंग लाती है.’’