कोरोना से लड़ेगा रेमडेसिवीर नेता हैं भाषणवीर व आश्वासनवीर

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) जब राजा जनक के दरबार में सीता स्वयंवर के समय कोई भी राजा शिव का धनुष उठाना तो दूर, हिला भी नहीं सका तो जनक ने हताशा से कहा था- वीरविहीन मही मैं जानी अर्थात मुझे लगता है कि पृथ्वी वीरों से विहीन हो गई है. तब लक्ष्मण ने क्रोधित होकर कहा कि धनुष की क्या बात है, मैं तो गेंद के समान ब्रम्हांड उठा सकता हूं.’’ हमने कहा, ‘‘भारत में वीरों की कमी कभी नहीं रही. महाभारत काल में भी एक से एक बढ़कर वीर थे. भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, भीम, अर्जुन जैसे योद्धाओं के अलावा वीर अभिमन्यु को कौन भूल सकता है! चंद्रगुप्त मौर्य ने तो यूनानियों (ग्रीक) को हरा दिया था.

    तब सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस ने संधि करते हुए अपनी बेटी हेलेना की शादी चंद्रगुप्त से कर दी थी. पृथ्वीराज चौहान ने 16 बार मोहम्मद गोरी को हराया और हर बार क्षमा करते हुए जीवनदान दे दिया था. महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता कौन नहीं जानता. बाजीराव पेशवा की वीरता भी जबरदस्त थी. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और मंडला की रानी दुर्गावती भी उच्च कोटि की वीरांगना थीं. सुभद्राकुमारी चौहान ने कविता लिखी थी- बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आज के जमाने में तो नेता रूपी भाषणवीर, आश्वासनवीर ही आपको नजर आएंगे. चुनाव के मोर्चे पर वे कमान से नहीं, जुबान से तीर छोड़ते हैं. ऐसे में बताइए कि देश में सच्चे वीरों की कमी कैसे पूरी की जाए? कोरोना की वजह से बैंड-बाजा-बारात भी बंद है जिसमें हमेशा बैंड वाले- ‘ये देश है वीर जवानों का’ की धुन बजाकर शादी करने जा रहे दूल्हे का हौसला बढ़ाया करते थे.’’ हमने कहा, ‘‘फिक्र करने की जरूरत नहीं, अब कोरोना से निपटने के लिए एक दवा रूपी वीर आ गया है जिसका नाम है रेमेडेसिवीर! (Remdesivir) इसके अलावा हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वारियर या कोरोनावीर (Corona Warriors) कहा जाता है.’’