बीजेपी वाले हुए बेचैन मोदी की तस्वीर पर चुनाव आयोग का बैन

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) चुनाव आयोग ने कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (Corona Vaccine Certificate) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तस्वीर हटाने का आदेश दिया है. इस पर आपकी क्या राय है’’ हमने कहा, ‘‘मोदी की तस्वीर तो उसी दिन हर भारतवासी के हृदय में उतर चुकी थी जब 2014 के आम चुनाव के पहले उन्होंने विदेश से कालाधन लाकर हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने का वादा किया था. इस लुभावने वादे से उनकी साख कायम है. लोग उन्हें तब तक वोट देते रहेंगे जब तक खाते में 15 लाख नहीं आ जाते.

    मोदी रामभक्त हैं और राम ने कहा था- रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाही.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह (Amit shah) ने स्वीकार किया कि 15 लाख देने  की बात एक चुनावी जुमला था. फिलहाल हम वैक्सीन सर्टिफिकेट से मोदी की तस्वीर हटाने के बारे में पूछ रहे हैं. जा भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाता वह अपने घर में चमोदी की तस्वीर वाले प्रमाणपत्र को फ्रेम करके लगाता. चुनाव आयोग ने वह सुनहरा अवसर छीन लिया. बीजेपी वाले इस फैसले से आहत महसूस करते हुए मन ही मन कह रहे होंगे- ये क्या गजब  हुआ, ये क्या जुलुम हुआ, न जाने वो, न जानूं मैं.’’ हमने कहा, ‘‘जहां तक तस्वीर का सवाल है उसके बारे में प्रेमी अपनी प्रेमीका से कहता है- तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी, मैं बात करूंगा तो वो खामोश रहेगी, सीने से लगा लूंगा तो वो कुछ न कहेगी, परछाईं तो इन्सान के काम आ न सकेगी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज बात किसी माशूका की तस्वीर की नहीं, पीएम मोदी की तस्वीर की है.

    चुनाव आयोग को डर है कि मोदी का चित्र देखकर मतदाता सम्मोहित होंगे और बीजेपी (BJP) को वोट देंगे. इसलिए फोटो हटाने को कहा है. अब बगैर तस्वीर वाले नए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट छपवाने पड़ेंगे इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा.’’ हमने कहा, ‘‘चुनाव के वक्त खर्च की परवहा नहीं की जाती. दिल खोलकर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है. बीजेपी को किसी भी कीमत पर बंगाल फतह करना है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज जब कैमरा नहीं था तब लोग आर्टिस्ट से अपनी तस्वीर बनवाया करते थे. इस्लाम में तस्वीर बनाने या खिंचवाने की अनुमति नहीं है लेकिन जब मुस्लिम अपना पासपोर्ट बनवाते हैं तो फोटो खिंचवानी ही पड़ती है. जरूरत और समयके हिसाब से ऐसा करना पड़ता है.’’ हमने कहा, मोदी के मुरीदों और कद्रदानों को फोटो की जरूरत नहीं है. उनके दिल में मोदी बसे हुए है्. वे कह सकते हैं- जब जरा गर्दन झुकाई देख ली तस्वीर  यार.’’