सामने तगड़ा इम्तहान युवाओं को सौंपी कमान बढ़ाना होगा सम्मान

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, नई कैबिनेट को प्रधानमंत्री मोदी की अब तक की सबसे युवा टीम कहा जा रहा है. इसके 14 मंत्रियों की उम्र 50 वर्ष से भी कम है. इस बारे में आपकी क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘युवाओं के जोश और बुजुर्गों के होश का तालमेल अच्छा रहेगा. ओल्ड गॉर्ड मार्गदर्शन करेंगे और यंग अपनी नई सूझबूझ दिखाएंगे. प्रधानमंत्री ने 7 महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया है. उन्होंने 2019 में 6 महिलाओं को मंत्री बनाया था, जिनमें से हरसिमरत कौर इस्तीफा देकर हट गई थीं. इस तरह अब कुल मिलाकर 12 महिलाएं मंत्रिमंडल में हैं.

    प्रधानमंत्री काट-छांट करते रहते हैं. नई व्यवस्था में उन्होंने स्मृति ईरानी के पास सिर्फ महिला व बाल विकास मंत्रालय रहने दिया है. स्मृति से कपड़ा मंत्रालय वापस लेकर पीयूष गोयल को सौंप दिया गया है. राजनीतिक शतरंज पर मोदी की नई बिसात देखिए और खुश हो जाइए.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम सोच रहे हैं कि जिन युवाओं को कमान सौंपी गई है, उन्हें कार्यकुशलता दिखाते हुए अपने पद की गरिमा और सम्मान बढ़ाना होगा. उन्हें खुद को काबिल सिद्ध करना होगा, तभी मोदी खुश होंगे और शाबासी देंगे.’’

    हमने कहा, ‘‘पते की बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद ही वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बैठक लेकर नीतियां बनाते और बड़े-बड़े फैसले लेते हैं. कितने ही मंत्रियों के पास कोई फाइल नहीं आती और न उनकी राय ली जाती है. मोदी अकेले ही सब कुछ कर लेने में समर्थ हैं. कुछ अच्छे फैसलों पर मोदी की वाहवाही होती है, लेकिन जब सरकार का कोई फैसला गलत हो जाता है और तीखी आलोचना होने लगती है तो इसका ठीकरा मंत्री के सिर फोड़कर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, क्या इसी वजह से डा. हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, थावरचंद गहलोत, संतोष गंगवार की छुट्टी कर दी गई?’’ हमने कहा, ‘‘यह अंदर-बाहर का खेल ही तो राजनीति है!’’