MSP लूट कैलकुलेटर बताएगा सरकारी व असली आंकड़े में अंतर

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz) हम सोचते हैं कि जोड़, घटाना, गुणा, भाग करने और प्रतिशत निकालने के लिए क्यों दिमाग पर जोर डाला जाए. इसके लिए एक कैलकुलेटर (Calculator) खरीद लेते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘कैसा कैलकुलेटर खरीदेंगे, यह भी सोच लीजिए. सरकारी आंकड़े बढ़-चढ़कर बतानेवाला सरकारी कैलकुलेटर ले लीजिए. इससे मालूम होगा कि जनता की भलाई के लिए सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिए कितना खर्च कर रही है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें सच्चे आंकड़े बतानेवाला कैलकुलेटर चाहिए जिसमें ईमानदारी की बैटरी लगी हो.

    हमें जालसाजी, मक्कारी और धोखाधड़ी बिल्कुल पसंद नहीं है.’’ हमने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers Protest) ने  सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी दिए जाने के दावों पर पलटवार करते हुए ‘एमएसपी लूट कैलकुलेटर’ (MSP Loot Calculator)  लान्च कर दिया है. इसमें सरकार के फसलों पर एमएसपी मिलने के दावों का आधिकारिक डेटा के जरिए करारा जवाब दिया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि सरकारी आंकड़े और वास्तविक आंकड़े में कितना फर्क है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘जब सरकार कहती है कि एमएसपी पहले भी था, अभी भी है और आगे भी जारी रहेगा तो इस पर विश्वास कीजिए.

    देश का मध्यम वर्ग भी किसानों को एमएसपी मिलने की कहानी पर विश्वास कर रहा है और उसे लगता है कि किसान व्यर्थ ही आंदोलन कर रहे हैं.’’ हमने कहा, ‘‘किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने एमएसपी लूट कैलकुलेटर की लान्चिंग के मौके पर सरकार के दावे की पोल खोल दी. 1 से 15 मार्च के बीच सरकार की वेबसाइट agmark.net में बंगाली चने का एमएसपी 5,100 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया लेकिन किसानों को इसका औसत दाम 4,663 रुपए प्रति क्विंटल ही मिल रहा है. इस तरह किसानों को हर क्विंटल पर 437 रुपए का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चने की तरह ही 22 अन्य फसलों के एमएसपी की जानकारी और वास्तविकता भी बताई जाएगी. यह लूट कोई नई नहीं है. सरकार के खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं.’’