पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, जूते में यह खूबी है कि वह सड़क से लेकर राजनीति तक चलता है.
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, जूते में यह खूबी है कि वह सड़क से लेकर राजनीति तक चलता है. लोग किसी नेता की सभा में जूता उछालते हैं तो किसी के पुतले को जूते का हार पहनाते हैं. पार्टियों में जूतम बैजार की नौबत आती देखी गई है.’’ हमने कहा, ‘‘आज आपको जूते की याद कैसे आ गई? यह भी बताइए कि आप किस कंपनी के जूते का जिक्र कर रहे हैं?’’ बाटा का जूता, फ्लेक्स का जूता, लिबर्टी का जूता, रेड चीफ का जूता, फौजी जूता या र्स्पोट्स शू? पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज अभी तो राजनीतिक भाषणों में जूते का बोलबाला है इसे लेकर बेतुके बोल बोले जा रहे हैं. बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाला है. बीजेपी को लगता है कि राज्य की पुलिस उसके साथ पक्षपात करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का साथ दे रही है. बंगाल बीजेपी उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने दुर्गापुर के एक कार्यक्रम में कहा, क्या राज्य में गुंडाराज ही रहेगा? बीजेपी पार्षद की सरे आम गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाती. पुलिस किसी भी तरह की कोई मदद नहीं कर रही है. ऐसी पुलिस के साथ क्या करना चाहिए. हम पुलिस से जूते चटवाएंगे.’’ हमने कहा, ‘‘सिर्फ बंगाल में ही जूते का जिक्र नहीं हुआ, हैदराबाद के निकाय चुनाव में भी जूते का उल्लेख किया गया. बीजेपी सांसद डी. अरविंद ने हैदराबाद के एक रोड शो में एआईएमआईएम के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को संबोधित करते हुए धमकी दी. अरविंद ने कहा कि एक बार बीजेपी की सरकार आने दे, तेरे को.. तेरे भाई को… तेरी पार्टी को जूते के नीचे लगाता हूं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इस तरह के बेतुके बोल अत्यंत अशोभनीय हैं. जूता मारना, जूता चटवाना, जूते के नीचे लाना जैसी बातें उत्तेजना और गुस्से में कही जा रही हैं. इन नेताओं को उन बेरोजगार युवाओं का कोई ध्यान नहीं है जिनके जूते नौकरी की तलाश करते-करते घिस गए हैं. हमारे देश की 130 करोड़ से ज्यादा आबादी में कितने ही गरीब ऐसे हैं जो चप्पल, जूता खरीद नहीं सकते और नंगे पांव चलने को मजबूर हैं.’’ हमने कहा, ‘‘ राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार कहा था. बूट तभी जंचता है जब उसमें पॉलिश हो. जो तमीज रखने वाला पॉलिश्ड नेता होता है वह कभी ऐसी जूता चटवाने य जूते के नीचे लगाने वाली हल्की जुबान नहीं बोलता. जूते को लेकर कहा जाता है कि जब बाप के जूते में बेटे का पैर आने लगता है तो वह बच्चा नहीं रहता.’’