nishanebaaz-Distance education became fine online

कोविड-19 आने के पहले तक वे ऑफलाइन पढ़ा करते थे। कोरोना ने सारी दुनिया को लाइन से लगा दिया। मास्क लगाना, बार-बार साबुन से हाथ धोना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जीवन का अंग बन गया।

Loading

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अब हमें समझ में आया कि जीवन में लाइन का कितना महत्व है। सारे विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई करने लगे हैं। कोविड-19 आने के पहले तक वे ऑफलाइन पढ़ा करते थे। कोरोना ने सारी दुनिया को लाइन से लगा दिया। मास्क लगाना, बार-बार साबुन से हाथ धोना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जीवन का अंग बन गया। दूकानों पर भीड़ करने वाले ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग रखकर लाइन में खड़े रहते हैं।’’ हमने कहा, ‘‘मंदिरों में जाने की अनुमति मिलने पर वहां भी श्रद्धालु लाइन से जाएंगे। प्रभु अपने भक्त से पूछेंगे- हाथ तो सैनिटाइजर करके आया, यह बता कि अपनी आत्मा को सैनिटाइज किया या नहीं? काम, क्रोध, मद, लोभ का वायरस बाहर छोड़कर आया कि नहीं?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, लॉकडाउन के बाद से लोग लूडो खेलने लगे और लाइन से अपनी गोटी बढ़ाने लगे। हर जगह अपनी गोटी फिट करने वाले इन दिनों कैरमबोर्ड की गोटियों में उलझे हुए हैं और ड्यू पर ड्यू किए जा रहे हैं। स्नेक एंड लैडर के खेल में सीढ़ी कम मिलती है, सांप के मुंह में ज्यादा जाना पड़ता है।’’ हमने कहा, ‘‘जहां तक लाइन का सवाल है, बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत स्लीपिंग लाइन और स्टैंडिंग लाइन बनाने से होती है। यदि अभिभावकों ने बच्चे को सिर पर चढ़ाया और अनावश्यक ढील दी तो उसकी लाइन बिगड़ जाती है। अंग्रेजी में पतली रस्सी को लाइन कहते हैं। उस पर गीले कपड़े सुखाए जाते हैं। रस्सी कूदना या स्किपिंग एक अच्छा व्यायाम है। रस्साखींच या टग ऑफ वार से शक्ति की परीक्षा होती है। लाइन को हिंदी में रेखा कहते हैं। कई बिंदु मिलाकर एक रेखा बनती है। फिल्मों में अमिताभ और रेखा की जोड़ी काफी लोकप्रिय रही। आज भी रेखा की उम्र का पता नहीं चलता। जया बच्चन के सारे बाल सफेद हो गए, रेखा के पूरी तरह काले हैं।’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, रेखा है तो रेखागणित या ज्योमेट्री है। भूगोल में भी कर्क रेखा, मकर रेखा, विषुवत रेखा के अलावा अक्षांश-देशांतर रेखाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। हस्तरेखा के शौकीन अपनी हथेली में लाइन ऑफ  फेट, लाइन ऑफ लाइफ, लाइन आफ सन, लाइन आफ माइंड, लाइन आफ हार्ट वगैरह देखते हैं।’’ हमने कहा, ‘‘त्रेता युग में लक्ष्मण ने अपने धनुष के सिरे से सीता की रक्षा के लिए लक्ष्मणरेखा खींच दी थी। इस समय कोरोना संकट में किसी भी नागरिक को अपनी लक्ष्मणरेखा पार नहीं करनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग की मर्यादा का पालन कीजिए। किसी मित्र से मिलने जाने की जरूरत नहीं, मोबाइल या फिर लैंडलाइन से बात कर लीजिए।’’