nishanebaaz-pm-narendra-modi-mann-ki-baat-rahul-gandhi

प्रधानमंत्री मोदी के समान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी ‘मन की बात’ करेंगे। इसके लिए राहुल पॉडकास्ट कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं और लिंक्डइन समेत दूसरे ‘प्लेटफार्म्स’ के उपयोग का विचार कर रहे हैं।’’

Loading

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, प्रधानमंत्री मोदी के समान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी ‘मन की बात’ करेंगे। इसके लिए राहुल पॉडकास्ट कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं और लिंक्डइन समेत दूसरे ‘प्लेटफार्म्स’ के उपयोग का विचार कर रहे हैं।’’ हमने कहा, ‘‘यह तो मोदी की नकल हो गई। यदि मोदी मन की बात कहते हैं तो राहुल को अपने प्रोग्राम का नाम ‘दिल की बात’ रखना चाहिए। मन की बात का जवाब ‘मस्तिष्क की बात’ से भी दिया जा सकता है। दिल की बात कहने वाला दिलदार होता है। कोई तंगदिल होता है तो कोई दरियादिल। कुछ भी हो, इंसान को बुजदिल नहीं होना चाहिए।’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, मन की बात की बराबरी करना आसान नहीं है। मन की गति सुपरसॉनिक प्लेन से भी तेज होती है। वह कल्पना की बहुत ऊंची उड़ान भर सकता है। मस्तिष्क विचार कर सकता है लेकिन मन का मयूर नृत्य भी कर सकता है। आपने गीत सुना होगा- नाचे मन मोरा मगन तिग दा धीगी-धीगी, बदरा घिर आए ऋतु है भीगी-भीगी!’’ हमने कहा, ‘‘राहुल गांधी यदि मोदी की मन की बात का जवाब देना चाहते हैं तो इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। यह आसान नहीं है। वैसे इसकी स्क्रिप्ट तैयार करने में कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, शशि थरूर या सैम पित्रोदा जैसे नेता राहुल गांधी की मदद कर सकते हैं। कभी दिग्विजय सिंह राहुल के राजनीतिक गुरु हुआ करते थे लेकिन अभी उनकी बोलती बंद है।’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यदि मोदी मन की बात के जवाब से राहुल दिल की बात प्रोग्राम शुरू करें तो कह सकते हैं- मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बता दूं। वे श्रोताओं से कह सकते हैं- दिल विल प्यार-व्यार मैं क्या जानूं रे। वे अपनी वेदना जाहिर करते हुए कह सकते हैं- बेवफा मैंने तेरे प्यार में क्या-क्या न किया, दिल दिया दर्द लिया। इस बीच कोई उपचुनाव आए तो अपनी पार्टी की ओर से कह सकते हैं- दिल देके देखो ! हमने कहा, ‘‘राहुल हमेशा कहते हैं कि वो (मोदी) नफरत की राजनीति करते हैं तो मैं प्यार की राजनीति करता हूं। राहुल अपने संबोधन में कह सकते हैं- दिल में छुपाकर प्यार का तूफान ले चले। यह संदेश भी दे सकते हैं- दिल से मिलाके दिल प्यार कीजिए, कोई सुहाना इकरार कीजिए। वे तलत महमूद का गीत भी सुना सकते हैं- मैं दिल हूं एक अरमान भरा, तू आके मुझे पहचान जरा।’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, राहुल को अपना प्रोग्राम शुरू करने दीजिए। पता चल जाएगा कि उनकी बात का कितना असर पड़ता है! वैसे दिल का हाल दिलचस्प तरीके से बयां करते हुए कहा जा सकता है- दिल का हाल सुने दिलवाला, सीधी सी बात न मिर्च मसाला!’’