मोदी व्यंग्यात्मक लहजे में इस तरह पुकारते थे लेकिन ऐसा करने से ममता समर्थकों को बुरा लगा.
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अपनी हर चुनावी रैली में ममता बनर्जी को ‘दीदी… ओ दीदी’ कहकर कटाक्ष करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब अपनी रणनीति बदलते हुए उन्हें ‘आदरणीय दीदी ओ दीदी’ कहकर सम्बोधित किया. आखिर मोदी ने ऐसा संशोधन-परिवर्तन क्यों किया?’’ हमने कहा, ‘‘मोदी को पता नहीं था कि बंगाल में किसी राह चलती युवती को छेड़ने के लिए शरारती लड़के ‘दीदी ओ दीदी’ की आवाज लगाते हैं. मोदी व्यंग्यात्मक लहजे में इस तरह पुकारते थे लेकिन ऐसा करने से ममता समर्थकों को बुरा लगा.
इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मोदी को ‘राकर छेले’ या रोडसाइड रोमियो कह दिया. अब मोदी ने ममता को संबोधित करते समय आदरणीय लगाना शुरू कर दिया.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसा कहने से ममता का गुस्सा शांत नहीं होने वाला. हम तो उनका स्वभाव देखते हुए यही कहेंगे- दीदी तेरा तेवर पुराना, हाय राम गुस्से में ना आना!’’
हमने कहा, ‘‘ममता को लगता है कि बीजेपी वाले किसी धार्मिक भावना से नहीं, बल्कि उन्हें चिढ़ाने और ललकारने के लिए जय श्रीराम का नारा लगाते हैं. नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर भी जयहिंद की बजाय बीजेपी समर्थकों ने ममता के भाषण के समय जय श्रीराम का नारा लगाया था, जिससे वे नाराज होकर बगैर संबोधित किए मंच से नीचे उतर गई थीं.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ममता बनर्जी जरूरत से ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं और तुरंत आपा खो बैठती हैं. बीजेपी ने जिस तरह की फील्डिंग लगाई है, उससे वे भड़क उठी हैं. उन्होंने मुस्लिमों से अपील की कि वे एकजुट रहें और अपने वोट बंटने न दें. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी सुना दिया कि यदि ऐसी ही अपील मैं हिंदू वोटों के बारे में करता तो अब तक चुनाव आयोग के कितने ही नोटिस आ गए होते.’’ हमने कहा, ‘‘चुनाव के 8वें चरण तक ऐसी ही नोकझोंक चलती रहेगी. बीजेपी ममता से कह सकती है – तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं!’’