शीत सत्र बना फुटबाल मुंबई ने चली चाल बिगड़ी नागपुरी दाल

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz), इस बार न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी. उपराजधानी नागपुर में कोई रौनक नहीं रहेगी. महाराष्ट्र विधानमंडल का शीत सत्र (Maharashtra legislature winter session) मुंबई में ही होने वाला है. इस तरह नागपुर करार का उल्लंघन हो रहा है जिसमें विदर्भ के प्रश्नों पर चर्चा के लिए नागपुर में शीत सत्र (Nagpur winter session) का प्रावधान था.’’ हमने कहा, ‘‘बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच यहां सत्र होना अच्छा रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि मुंबई में मानसून कहर बरपाता है और सड़कें जलमग्न हो जाने से वहां यातायात ठप हो जाता है, इसलिए नागपुर में मानसून सत्र हर प्रकार से सुविधाजनक रहेगा.

मानसून सत्र में जो विधायक व मंत्री नागपुर आएंगे, वे खुश होकर कहेंगे- ये मौसम भीगा-भीगा है, हवा भी ताजा-ताजा है. वे यह भी गुनगुना सकेंगे- डम डम डिगा-डिगा, मौसम भीगा-भीगा!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, शीत सत्र को नेता गंभीरता से नहीं लेते थे. पश्चिम महाराष्ट्र और मुंबई के विधायकों का नागपुर में मन ही नहीं लगता था. मुंबई जैसी मायानगरी के आकर्षण को वे भूल नहीं पाते थे. शुक्रवार की शाम होते ही मुंबई का प्लेन पकड़कर या ट्रेन में सवार होकर वे लौट जाते थे. नागपुर में शीत सत्र जल्दी समेट लिया जाता था. फाइलें जैसी आती थीं, वैसे ही वापस चली जाती थीं. नागपुर सत्र में भी विदर्भ के ज्वलंत प्रश्नों पर नहीं के बराबर चर्चा होती थी. बाहर से आए विधायक नागपुर में सिर्फ पिकनिक मनाने के उद्देश्य से आते थे. कोई इसे सीरियसली नहीं लेता था. मोर्चा लाने वालों और धरना देने वालों की खबरें सिर्फ अखबार में छप कर रह जाती थीं. उनके मांग-पत्र या प्रतिवेदन कोई एक्शन लेने की बजाय रद्दी की टोकरी में डाल दिए जाते थे.

करोड़ों रुपए खर्च करने पर भी शीत सत्र में कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता था.’’ हमने कहा, ‘‘विज्ञान का नियम है कि ठंड पाकर वस्तुएं सिकुड़ती हैं, इसलिए विधान मंडल का शीत सत्र भी सिकुड़ जाया करता था. इसके बजाय मानसून सत्र नागपुर में लिया जाए तो कुछ फैल जाएगा और ज्यादा लंबा चलेगा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, नागपुर आने वाले विधायक यहां से संत्रा बर्फी खरीद कर ले जाते थे. जब मानसून सत्र मुंबई में होगा तो वह संत्रा बर्फी कैसे मिलेगी?’’ हमने कहा, ‘‘इसकी चिंता मत कीजिए क्योंकि आजकल हर चीज ऑनलाइन पार्सल से मंगाई जा सकती है. कामकाज सलाहकार समिति ने जब तय कर लिया है तो शीत सत्र मुंबई में ही होगा.’’