Nishnaebaaz, India Government, Indigenous Goods

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, सरकार को मालूम ही नहीं कि कौन सी चीज स्वदेशी है और कौन सी विदेशी! केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (केपीकेबी) के प्रमुख आरएम मीणा ने देश भर की पुलिस व पैरामिलिट्री कैन्टीन में बिकने वाली 1,000 वस्तुओं को विदेश से आयात की गई बताकर बैन करने का आदेश दे दिया था।

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, सरकार को मालूम ही नहीं कि कौन सी चीज स्वदेशी है और कौन सी विदेशी! केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (केपीकेबी) के प्रमुख आरएम मीणा ने देश भर की पुलिस व पैरामिलिट्री कैन्टीन में बिकने वाली 1,000 वस्तुओं को विदेश से आयात की गई बताकर बैन करने का आदेश दे दिया था।इन उत्पादों में डाबर इंडिया का रीयल फ्रूट ज्यूस, हार्लिक्स, सैमसंग, एलजी व फिलिप्स के भारत की फैक्टरियों में बने इलेक्ट्रानिक आइटम, हैवेल्स, बजाज, विप्रो, गोदरेज जैसी स्वदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट, उषा की सिलाई मशीन, नीलकमल फर्नीचर, वीआईपी व सफारी के लगेज आइटम, पूर्व बीजेपी सांसद शीला गौतम की कंपनी के स्लीपवेल ब्लैंकेट का समावेश था।मीणा ने इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों की राय नहीं ली।जब केंद्रीय गृह मंत्रालय को पता चला कि बैन किए गए आइटम्स में से ज्यादातर मेड इन इंडिया ही हैं तो 1,000 वस्तुएं प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस ले लिया गया।’’ हमने कहा, ‘‘क्या हमारे अधिकारी स्वदेशी और इम्पोर्टेड वस्तु का अंतर भी नहीं जानते? वे कम से कम उस पर लगा मेड इन इंडिया का लेबल तो पढ़ लिया करें!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आजकल अपने देश में इतनी ऊंची क्वालिटी की चीजें बनने लगी हैं कि स्वदेशी-विदेशी का अंतर ही समझ में नहीं आता।हमें भी स्वदेशी के नाम पर खादी ग्रामोद्योग के उत्पाद, बाबा रामदेव के पतंजलि के प्रोडक्ट, बैद्यनाथ, चरक, हिमालय की दवाइयां, अमूल के प्रोडक्ट, मैसूर सैंडल सोप वगैरह समझ में आते हैं।किस भारतीय कंपनी में विदेशी कंपनी की कितनी पूंजी लगी है, हमें क्या पता।कुछ प्रोडक्ट पूरी तरह मेड इन इंडिया होते हैं तो कुछ विदेशी कच्चे माल व पुर्जों से भारत में असेंबल किए जाते हैं।’’ हमने कहा, ‘‘सरकार ने घरेलू उद्योगों और स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए इम्पोर्टेड प्रोडक्ट को लिस्ट से बाहर कर दिया था।आप को बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में सभी कुछ इम्पोर्टेड था।महात्मा गांधी के कहने पर विलायती वस्त्रों की होली जलाई गई थी।आजादी के बाद भारत में हर चीज बनने लगी फिर भी इम्पोर्टेड घड़ियों, ट्रांजिस्टर, परफ्यूम, स्विस चाकलेट वगैरह के प्रति लोगों में कई वर्षों तक क्रेज बना रहा।अब तो अमेरिका जाकर वालमार्ट से टी शर्ट खरीदोगे तो वह भी मेड इन इंडिया ही निकलेगा।’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज फिलहाल जो कंपनियां सूची से बाहर की गई हैं उनमें कोलगेट पामोलिव इंडिया, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, नेस्ले इंडिया, ब्लू स्टार लि।, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लि।, रेडबुल इंडिया, फेरेरो इंडिया, एलन कूपर, रेड टेप शूज शामिल हैं।’’