प्रशासन का नहीं था ध्यान पाकिस्तानी महिला बनी ग्राम प्रधान

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz), उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक पाकिस्तानी महिला ग्राम प्रधान (Pakistani Woman Village Head) बन गई थी. इस बारे में जानकारी मिलने पर उसे पद से हटा दिया गया.’’ हमने कहा, ‘‘पाकिस्तान भी तो कभी भारत का अंग था. भूगोल के लिहाज से बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहनसिंह (Manmohan Singh) और बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी आप पाकिस्तानी कहेंगे क्योंकि उनका जहां जन्म हुआ था, वे इलाके अब पाकिस्तान में हैं.

अभिनेता राज कपूर व दिलीप कुमार के भी पुश्तैनी घर पाकिस्तान के पेशावर में हैं तो क्या इससे वे पाकिस्तानी हो गए?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह राष्ट्रीयता का मामला है. उस पाकिस्तानी महिला ने 40 वर्ष पहले एक भारतीय नागरिक से शादी की और कराची से एटा आई. इसके पहले 25 वर्ष पहले वह पाकिस्तान में थी.’’ हमने कहा, ‘‘जब वह ज्यादा समय भारत में रही और यहां जवान से बूढ़ी हो गई तो उसे भारतीय नागरिक मान लेने में कौन सा हर्ज है? वह 40 वर्ष से इस देश का दाना-पानी खा रही है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, वह महिला लांग टर्म वीजा पर भारत में रह रही थी. उसने कई बार भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन भी दिया था. उसे आधार कार्ड मिल गया था. वह पहले ग्राम पंचायत सदस्य और फिर अंतरिम ग्राम प्रधान भी बनी.

एक व्यक्ति ने शिकायत की कि वह बिना किसी अधिकार ग्राम प्रधान के रूप में कार्य कर रही है जबकि वह पाकिस्तानी नागरिक है. इसके बाद उसे पद से बर्खास्त कर मामले की जांच की जा रही है.’’ हमने कहा, ‘‘विदेशी मूल की होते हुए भी सोनिया गांधी को भारत ने स्वीकार किया तो 40 साल से भारत में रहनेवाली इस महिला ग्राम प्रधान का आवेदन मंजूर करते हुए उसे भी भारतीय नागरिकता दे दी जानी चाहिए. वह अपने गांव जलेसर में लोकप्रिय है तभी तो पहले ग्राम पंचायत सदस्य और फिर ग्राम प्रधान बनी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज तकनीकी रूप से वह महिला अब भी पाकिस्तानी है. उसके नागरिकता आवेदन पर विचार कर फैसला लिया जाना चाहिए. क्या लगातार 40 वर्ष भारत में रहने पर भी उसे पाकिस्तानी माना जाए?’’ हमने कहा, ‘‘यह निर्णय अधिकारियों को लेना है. वे पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी फैसले पर पहुंचेंगे. तब तक उस महिला की किस्मत अधर में है.’’