आखरी इतनी रियायत क्यों, ‘दबंग’ अपनी मर्जी पर हाजिर होते हैं कोर्ट में

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) सामान्य आदमी पर पुलिस और अदालत तुरंत शिकंजा कसती है लेकिन ‘दबंग’ को अपनी दबंगित से बार-बार छूट मिल जाती है. अदालत उसे अपने सामने पेश होने के लिए तारीख पे तारीख दिए चली जाती है.’  हमने कहा, ‘आप किस दबंग की बात कर रहे हैं. राजनीति के किसी दबंग नेता का जिक्र कर रहे हैं य ‘दबंग’ फिल्म में चुलबुल पांडे की भूमिका निभानेवाले सलमान खान का उल्लेख कर रहे हैं?’

पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, समझदार को इशारा काफी होता है. कहा भी गया है- हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े-लिखे को फारसी क्या! फिल्मी दुनिया के दबंग सलमान खान (Salman Khan) की बात ही कह रहे थे. उन पर पिछले 23 साल से जोधपुर की अदालत में काले हिरण के शिकार का केस चल रहा है लेकीन वे पेशी में जाना टाल रहे हैं. पिछल्ी 6 पेशिों में सलमान खान कोरोना संक्रमण (Coronavirus)का हवाला देकर अदालत में नहीं गए. आखिरकार सुनवाई 1 दिसंबर 2020 को हुई थी उसमें भी सलमान की अर्जी पर कोर्ट ने उनको पेश न होने की छूट दे दी थी. अब फिर एक बार सलमान का आवेदन स्वीकार कर लिय गया. यह 1वीं बार है जब सलमान को कोर्ट (Jodhpur, Rajasthan Court) ने हाजिरी से माफी दी है.’ हमने कहा, ‘मामला जितना पुराना होताहै, उतना ही कमजोर होता चला जाता है, सबूतों का दम निकल जाताहै, गवाह या तो मर जाते हैं या भूल जाते हैं कि उन्होंने कहा देखा सुना या कहा था. लगता है सलमान के मामले में भी ऐसा ही होगा.’

पड़ोसी ने कहा ‘निशानेबाज, सलमान के खिलाफ शिकार के कुल 4 मामले थे. उन्हें घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया. आर्म्स एक्ट के केस में भी सलमान खान पिछले साल बरी हो गये थे. इस तरह हाथ निकल गा, सिर्फ दुम रह गई.’ हमने कहा, ‘कुछ भी हो, मामले का टेंशन तो सिर पर रहता ही है. अदालत भी आखिर कब तक सलमान को पेशी में अनुपस्थिति की छूट देगी. कभी न कभी ऊंट पहाड़ के नीचे आएगा ही!’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, सामर्थ्यवान लोगों पर जल्दी कार्रवाई नहीं होती. हमारी र्काप्रणाली में अपील, वकील, दलील के बीच मामला घूमता रहता है. गरीब जल्दी फंस जाता है जबकि दबंग पर आंच नहीं आ पाती. उसे कोई अदालत वारंट भेजकर अपने सामने आने को बाध्य नहीं करती.’