चुनावी चक्रव्यूह का खुमार, 15 दलों की तेज धार फिर से पवार तैयार

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, एकता में बड़ी शक्ति है. कोई व्यक्ति एक पतली सी लकड़ी को आसानी से तोड़ सकता है लेकिन जब लकड़ियों को बांधकर उनका गट्ठर बना दिया जाए तो उसे तोड़ पाना नामुमकिन है. एक होकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती से मुकाबला किया जा सकता है.’’ हमने कहा, ‘‘एकता का महत्व हम भी जानते हैं. एकता कपूर के बनाए सीरियल टीवी पर वर्षों चलते हैं. उन्होंने ‘क्यूंकि सास भी कभी बहू थी’ नामक सीरियल बनाया जो टीवी पर 7 वर्षों तक चला. इस सीरियल की तुलसी बहू स्मृति ईरानी बाद में केंद्रीय मंत्री बन गईं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम गैर कांग्रेस दलों की बात कर रहे हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने 15 विपक्षी पार्टियों की बैठक अपने दिल्ली आवास में बुलाई. इसमें टीएमसी, सपा, राजद, रालोद, टीडीपी, सीपीएम, सीपीआई आदि पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया गया. यह सारी तैयारी 2024 में बीजेपी को टक्कर देने के लिहाज से तीसरा मोर्चा बनाने के लिए है.’’ हमने कहा, “बारात सज भी जाए तो दूल्हा कौन बनेगा? नेतृत्व को लेकर सहमति कैसे होगी? पार्टियों की हालत ऐसी है कि तू भी रानी मैं भी रानी, कौन भरे कुएं से पानी!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘शरद पवार जैसे अनुभवी राजनीतिज्ञ इस तीसरे मोर्चे के संयोजक या शिल्पकार बन सकते हैं. वे महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य के समान चक्रव्यूह की रचना कर दिखाएंगे.

    पवार की रणनीति यह है कि देश में 275 ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां क्षेत्रीय पार्टियां लड़ती हैं. यदि वहां पर मोर्चे का सर्वसम्मत उम्मीदवार खड़ा हो जाए तो बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकता है. बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने जिस तरह बीजेपी को हराया, उससे विपक्षी दलों को भरोसा हुआ है कि बीजेपी अजेय नहीं है तथा मोदी-शाह का मैजिक तोड़ा जा सकता है. यदि विपक्षी दल बहुमत के करीब पहुंचे तो नेता का फैसला भी हो जाएगा. कुछ कमी पड़ी तो कांग्रेस हमेशा की तरह बाहर से समर्थन देगी. इस तरह बीजेपी का बैंड बजाने का प्लान है.’’