पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, यह कितनी हास्यास्पद बात है कि बौना उछल-उछलकर आसमान छूने की कोशिश करे. यही हाल महाराष्ट्र कांग्रेस का है. राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में कांग्रेस तीसरे नंबर पर पुछल्ले के रूप में है. शिवसेना और एनसीपी ही प्रमुख पार्टियां हैं. खुद राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में हमारी पार्टी उस तरह के निर्णय नहीं ले सकती जैसे राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में लेती है. महाराष्ट्र में हमारे हाथों में कमान नहीं है. इसके बावजूद महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि हम अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
उन्हें इतने बड़े बोल बोलने की क्या जरूरत थी?’’ हमने कहा, ‘‘लगता है पटोले की बात आपको पट नहीं रही है. वे अगर कांग्रेस से अकेले दम पर चुनाव लड़ने का अरमान जता रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि तुच्छ सपने देखना पाप है. हमेशा ऊंचे सपने देखो. यह भी कहा गया है- थिंक बिग, ड्रीम बिग, एक्ट बिग (बड़ी बात सोचो, बड़े सपने देखो और बड़ा काम कर जाओ). पटोले अपनी पार्टी में उत्साह के बीज बो रहे हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, नाना पटोले कांग्रेस की वर्तमान हालत तो देखें, फिर इतनी लंबी बात करें. विधायकों की संख्या के हिसाब से महाराष्ट्र में कांग्रेस चौथे स्थान पर है.
शेखचिल्ली बनकर क्या फायदा! अपनी ताकत तौलकर ही बात करनी चाहिए. कहीं अति आत्मविश्वास में महाराष्ट्र में कांग्रेस का हाल बंगाल और तमिलनाडु जैसा न हो जाए. महाविकास आघाड़ी में रहकर कांग्रेस को सत्ता सुख में भागीदारी मिली है, उसके कुछ नेताओं को मंत्री बनने का मौका भी मिला है. अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी तो क्या मिलेगा? कहावत है- आधी छोड़ पूरी को धावे, पूरी मिले ना आधी पावे. जो कुछ है, वह भी हाथ से निकल जाएगा. फ्लाईवेट वाला कभी हैवीवेट से नहीं लड़ा करता. ऐसा करे तो उसकी हड्डी-पसली चकनाचूर हो सकती है.’’