घोड़ी ने बारात को नचाया, बिंदोरी रस्म को निभाया साथ में दूल्हा भगाया

    Loading

    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, शादी-ब्याह में कितनी उमंग रहती है! बाराती नाचते-ठुमकते कितना हुड़दंग करते हैं लेकिन कभी-कभी रंग में भंग होने की नौबत भी आ जाती है. राजस्थान में एक शादी के दौरान ऐसा वाकया हुआ जिसे दूल्हा जिदंगी भर नहीं भूल पाएगा.’’ हमने कहा, ‘‘ऐसी कौन सी खास बात हो गई, शादी में सालियां जूता चुराती हैं और उसके बाद नई-नवेली दुल्हन दिल चुरा ले जाती है! जिसे बला की खूबसूरत पत्नी मिल जाए, वह बोल उठता है- मैं तो बीवी का गुलाम बनके रहूंगा.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पूरी बात तो सुन लीजिए. अजमेर जिले के रामपुरा गांव के पास दूल्हे की ‘बिंदोरी’ निकाली जा रही थी. घोड़ी को नचाने की इस रस्म के दौरान पटाखों की आवाज से घोड़ी बिदक गई और दूल्हे को लेकर बेतहाशा जंगल की ओर भाग निकली. आखिर 4 किलोमीटर दूर जाकर जैसे-तैसे घोड़ी को पकड़ा जा सका. इस दौरान बेचारे दूल्हे की हालत खस्ता हो गई. इतने अरमान से घोड़ी पर चढ़ा था लेकिन वह तूफान की तरह भागी और जान के लाले पड़ गए. वह दूल्हे को कहीं पटक भी सकती थी.’’ हमने कहा, ‘‘राजस्थान वीरों की भूमि है. वहां महाराणा प्रताप का चेतक जैसा वफादार घोड़ा हुआ था. अमरसिंह राठोड़ का घोड़ा तो किले की ऊंची प्राचीर से बेधड़क नीचे कूद गया था. यदि वहां शादी की घोड़ी ने भी अपना करतब दिखा दिया तो क्या गलत हुआ!’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इस घटना से दूल्हे के दोस्त भी इतना सकपका गए होंगे कि ‘आज मेरे यार की शादी है, मेरे दिलदार की शादी है,’ की धुन पर नाचना भूल गए होंगे. किसी बैंडवाले ने उस गीत की धुन भी नहीं छेड़ी होगी- सज के आएंगे दूल्हे राजा, भैया राजा बजाएगा बाजा! उस भागने वाली घोड़ी ने खुद को फिल्म शोले की धन्नो समझ लिया होगा.’’ हमने कहा, ‘‘यहां तो सिर्फ पटाखे फोड़े गए, यूपी में तो शादी के समय खुशी जताते हुए हवाई फायर किए जाते हैं. ऐसे में घोड़ी कभी भी बिदक कर भाग सकती है, इसलिए सईस को चाहिए कि उसकी रास मजबूती से पकड़ कर रखे.’’