टूलकिट का तमाशा जमानत पर तिहाड़ से छूट गई दिशा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) इन दिनों दिशा (Disha Ravi) की काफी चर्चा है. वह जमानत पर छूटकर तिहाड़ जेल (Tihar jail) से बाहर आ चुकी है. अब पता नहीं वह किस दिशा में जाएगी? आपकी दिशा को लेकर क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘दिशा एक नहीं, 4 होती हैं जिन्हें उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम कहा जाता है. नार्थ, ईस्ट, वेस्ट और साउथ के प्रथम अक्षरों को लेकर न्यूज शब्द बना है जिसे हिंदी में समाचार और उर्दू में खबर कहते हैं. यदि दिशा खबरों में रही है तो इसमें कौन सी अनोखी बात है! वाल्मिकी रामायण के अनुसार जब राम ने दुखी मन से सीता का त्याग किया था तो उन्होंने कहा था- जानकी दसों दिशाएं खुली हैं. तुम चाहे जहां चली जाओ.

    10 दिशाओं में उन्होंने ईशान्य, आग्नेय, वायव्य व नैऋत्य के अलावा आकाश और पाताल का भी समावेश कर लिया था.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम पर्यावरण कार्यकर्ता या क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की बात कर रहे हैं जिस पर पुलिस का आरोप था कि उसने टूलकिट (Toolkit) के जरिए किसान आंदोलन में हिंसा भड़काने का आवाहन किया था. अदालत ने दिशा को जमानत पर रिहा करते हुए कहा कि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं. किसी भी लोकतंत्र में सरकार की नीतियों से असहमत व्यक्ति को जेल में नहीं डाला जा सकता. सरकार के अहं को ठेस लगने पर किसी के खिलाफ देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता. एडीशनल सेशन जज के इस फैसले को सरकार हाईकोर्ट में चुनौती दे सकती है.’’ हमने कहा, ‘‘सरकार सबको अपनी मर्जी से एक ही दिशा में चलाना चाहती है लेकिन युवा मन की दिशा अलग है.

    सरकार को अपनी नीतियों का विरोध या असहमति पसंद नहीं है. उसे लगता है कि जो उसका विरोध कर रहे हैं, वे लोग पूरी तरह दिशाहीन हैं. अदालत की राय में असहमति, भिन्न दृष्टिकोण रखना गलत नहीं है. लोकतंत्र में ऐसा होना स्वाभाविक है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सरकार अपने दिशादर्शक यंत्र या कम्पास का उपयोग कर सभी को एक ही दिशा में ले जाना चाहती है. एक देश में एक विचार रहे, लोग समविचारी रहें तो कितना अच्छा होगा! वैसे दिशा का मुद्दा वास्तुशास्त्र से भी जुड़ा है. कोई उत्तर या पूर्व की दिशा में मुंह करके काम करे तो सफलता मिलती है. भोजन करते समय पूर्व की ओर मुंह रखने से दीर्घायु, पश्चिम की ओर मुंह रखने से संपत्ति, दक्षिण से कीर्ति और उत्तराभिमुख रहने से सत्य की प्राप्त होती है. इस तरह दिशा का काफी महत्व है.’’