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पटना. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। जहाँ इसके  नामांकन के लिए कल यानी गुरुवार को इसका अंतिम दिन है। वहीं सीट शेयरिंग के गणित के तय होने के बाद BJP ने बीते मंगलवार को देर शाम पहले चरण की 27 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसके साथ ही RJD ने भी अपने  41 प्रत्याशियों के नाम सार्वजानिक किये हैं। 

BJP ने 60 % सवर्ण प्रत्याशी उतारे 

इस बार के चुनावों में BJP ने अपने पहली लिस्ट में 27 उम्मीदवारों में सबसे अधिक 16 सीटों पर सवर्ण समुदाय से आने वाले चेहरों को उतारा है। इसमें से सात टिकट राजपूत प्रत्याशियों को, 6 भूमिहार और 3 टिकट ब्राह्मणों को देकर कोर वोटबैंक को अपनी तरफ करने की कोशिशें कि गयी हैं।  इसके साथ ही BJP ने 3 यादव प्रत्याशियों को टिकट देकर RJD के वोट बैंक में भी  सेंध लगाने का लक्ष्य किया है। वहीं 3 अनुसूचित जाति, एक आदिवासी, एक वैश्य, एक बिंद, एक दांगी और एक चंद्रवंशी को भी BJP ने टिकट दिया है। इसके अलावा इस पहली लिस्ट में  5 महिला प्रत्याशियों के भी नाम हैं और 3 नए चेहरे को भी टिकेट देकर मौका दिया गया है।

किन किनको मिला है टिकट

अगर हम यह लिस्ट देखें तो BJP ने कहलगांव से पवन कुमार यादव, बांका से रामनारायण मंडल, कटोरिया से निक्की हेम्ब्रम, मुंगेर से प्रणव कुमार यादव, लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा, बाढ़ से ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू, विक्रम से अतुल कुमार, बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह, आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह, तरारी से कौशल कुमार सिंह, शाहपुर से मुन्नी देवी, रामगढ़ से अशोक सिंह, मोहनिया से निरंजन राम, भभुआ से रिकी रानी पांडेय, चैनपुर से बृजकिशोर बिंद, डेहरी से सत्यनारायण सिंह यादव, काराकाट से राजेश्वर राज, गोह से मनोज शर्मा, औरंगाबाद से रामाधार सिंह, बोधगया से हरी मांझी, गया शहर से प्रेम कुमार, वजीरगंज से वीरेंद्र सिंह, रजौली से कन्हैया रजवार, हिसुआ से अनिल सिंह, वारसलीगंज से अरुणा देवी, जमुई से श्रेयसी सिंह को टिकट दिया है।

RJD के खेमें में यादवों का बोलबाला 

इसी प्रकार RJD ने अपने पहले चरण की 41 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम के साथ उम्मीदवार चयन में जातीय समीकरण कि वरीयता दी है। इस बार भी RJD का सबसे ज्याद भरोसा यादवों पर ही है, साथ ही दलितों और अति पिछड़ों का भी ध्यान रखा गया है। इस समीकरण में RJD ने उपेंद्र कुशवाहा के जाने के बाद कोइरी समाज को भी साथ में लेने की कोशिश की है। इसके साथ ही 2 राजपूत, 1 ब्राह्मण, 1 भूमिहार और 1 वैश्य समाज के उम्मीदवार को भी उतारा गया है।

RJD का पहला सीट समीकरण 

अगर सीटों का समीकरण देखें तो RJD ने इस बार सबसे अधिक 23 पिछड़े समुदाय के उम्मीदवार उतारे हैं, इनमे  20 यादव समुदाय से संबंद रखते हैं। इसके साथ  8 अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को इस बार मैदान में उतारा गया है, , जिनमें रविदास, मुसहर और पासवान समुदाय के प्रत्याशी हैं। एक अनुसूचित जनजाति, तीन अति पिछड़े समुदाय और दो मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। इसके साथ ही RJD ने इस बार  10 महिला प्रत्याशी भी उतारे हैं। वहीं आधा दर्जन उनके मौजूदा विधायकों के टिकट इस बार काट दिए  गए  हैं।   इनमें प्रमुख रूप से ओबरा के बिजेंदर प्रसाद, मखदूमपुर से सूबेदार दास और अतरी से कुंती देवी का नाम शामिल हैं। वहीं आरा, अरवल, पालीगंज और काराकाट सीटिंग सीट इस बार माले के खाते में चली गई हैं। 

RJD,नेताओं के बेटे-बेटियों पर मेहरबान

इस बार RJD ने अपने नेताओं के बेटे-बेटियों के अलावा पत्नियों को भी टिकट से नवाजा है। जहाँ RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के सुपुत्र  सुधाकर सिंह को रामगढ़, पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के लाडले  राहुल तिवारी को शाहपुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के पुत्र ऋषि सिंह ओबरा से तो वहीं पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव की बेटी दिव्या प्रकाश तारापुर से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे  हैं। इसके साथ ही विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को नवादा से तो विधायक अरुण यादव की पत्नी किरन देवी को संदेश से टिकट दिया गया है। 

इस प्रकार देखा जाए तो जहाँ BJP इस बार सवर्णों पर मेहरबान है वहीं RJD ने यादवों पर ही अपना दांव चला है। इसके साथ ही जहाँ BJP ने 5 तो RJD ने फिलहाल 10 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है। वैसे बिहार चुनाव में देखा जाए हमेशा जातीय समीकरण ही हमेशा प्रबल रहता है, इस बार भी होगा। फिलहाल आगे भी प्रत्याशियों के नाम आने वाले हैं तब यह तस्वीर और भी स्पष्ट होगी।