Nitish Kumar
PTI Photo

Loading

पटना. बिहार (Bihar) में पहले चरण के मतदान (Voting) के बाद फिलहाल सियासी रण अपने उफ़ान पर है और इसी में अब आरक्षण (Reservations) का दांव भी खेला जा रह है। दरअसल बिहार CM नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बड़े ही नफासत से आरक्षण की वकालत की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर हमेशा से उनकी राय यही है कि आबादी के हिसाब से ही आरक्षण दिया जाए।

जहाँ एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव में अन्य पार्टियां वोटों के लिए दिन-रात एक कर रही है। रोजगार और कानून व्यवस्था से लेकर घोटालों पर जमकर राजनीति और चर्चा हो रही है। लेकिन इसके उलट CM नितीश कुमार इन सबके मध्य आरक्षण का दांव खेला है।

क्या कहा CM नीतीश कुमार ने:

दरअसल वाल्मीकिनगर में नीतीश कुमार ने जनसभा में कहा कि, जातियों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। इसका प्रधान कारण वाल्मीकि नगर में थारू जाति का वोट बैंक होना है जो कि खुद को जनजाति में लेने की मांग उठा रही है। अब इसी को समर्थन देते हुए नीतीश ने कहा कि, “यह जनगणना हम लोगों के हाथ में कभी नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले। इसमें हमारी भी कोई दो राय नहीं है।” 

 ‘सुशासन बाबु’ ने खुद को बताया आरक्षण का समर्थक:

इतना ही नहीं CM नीतीश का यह भी कहना था कि थारू को आरक्षण का फायदा दिलाने के लिए वो सालों से लगे हैं जब वो अटल सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे। अब नीतीश कुमार की तकलीफ भी तो यही थी कि जब वे  वाल्मीकिनगर में अपना प्रचार करने पहुंचे तो वहां के लोगों ने यह आरक्षण की मांग फिर रखी जिस पर मुख्यमंत्री साहब यह जवाब दे गए। अब चाहे जो भी हो, फ़िलहाल तो आरक्षण का दांव भी खेल लिया गया है। अब देखना यह है कि विरोधी पार्टियाँ CM नीतीश कुमार के इस वार का क्या जवाब देती है।