बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले, निवेशकों का विशेष अतिथि के रूप में करेंगे स्वागत

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    पटना: बिहार (Bihar) के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) ने राज्य में आने वाले निवेशकों पूरा मान सम्मान दिए जाने का वादा करते हुए करते हुए शुक्रवार को विधानसभा (Assembly) में घोषणा की कि प्रदेश में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों के स्वागत के लिए वे स्वयं हवाई अड्डे जाएंगे ।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में हर व्यक्ति की किस्मत बदलने का संकल्प लेते हुए हुसैन ने कहा, ‘‘हम निवेशकों से संपर्क करने के लिए बिहार फाउंडेशन के माध्यम से दुनिया में कहीं भी जाएंगे। हम निवेशकों के सम्मेलन का आयोजन करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘हम बिहार के लोगों:निवेशकों अथवा उद्यमियोंः के लिए रेड कार्पेट स्वागत करेंगे और जो भी राज्य में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा मैं एक उद्योग मंत्री के रूप में ऐसे निवेशकों का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर जाऊंगा”।

    बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए उद्योग विभाग के 1285.17 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब हुसैन ने प्रदेश के लोगों से अपने गृह प्रदेश आकर अपनी क्षमताओं के अनुरूप निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने उद्योग मंत्री के जवाब का बहिष्कार करते हुए कहा कि मंत्री ने यह नहीं बताया है कि राज्य में उद्योगों का विकास कैसे होगा क्योंकि उनके पास उद्योगों के विकास के लिए कोई विजन या खाका नहीं है। यह कहते हुए कि सरकार राज्य में उद्योगों के विकास के लिए गंभीर है, हुसैन ने कहा कि सरकार ने सड़क, विद्युत और पानी की आपूर्ति पर बहुत काम किया है और अब लोगों को राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए उद्योग विभाग से बहुत उम्मीदें हैं।

    हुसैन ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में उद्योग स्थापित करके रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो निवेशक बिहार में आयेगा, इधर से मक्का डालेगा और उधर से डॉलर और पैसा निकलेगा। इधर से गन्ना डालेगा और उधर से इथेनॉल निकलेगा।”

    कुछ साल पहले गुजरात में एक रैली के दौरान राहुल गांधी के आलू से सोने मिलने के बयान की ओर इशारा करते हुए उनका नाम लिए बिना हुसैन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वह यह दावा नहीं करने जा रहे हैं कि यदि कोई एक तरफ से आलू डालेगा तो दूसरी तरफ से सोना मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2006-07 में गन्ने से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के बारे में नीतीश कुमार ने जो सोचा था उसे नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है।

    हुसैन ने आरोप लगाया कि केंद्र की तत्कालीन सरकार ने अगर राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी होती तो आज चीजें आज पूरी तरह से अलग होती क्योंकि एक भी चीनी मिल बंद नहीं होती। उन्होंने कहा कि अब चीनी का उत्पादन किए बिना गन्ने से सीधे इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है। एफसीआई गोदामों के मक्का, चावल और सड़े हुए चावल से भी इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि चीनी मिल की भूमि का एक भी हिस्सा अप्रयुक्त नहीं छोड़ा जाएगा। मिल से चीनी और इथेनॉल दोनों का उत्पादन होगा।

    हुसैन ने कहा कि राज्य में कृषि आधारित, इथेनॉल आधारित और खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे जिससे किसान सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। मंत्री के जवाब से से असंतुष्ट पूरे विपक्ष के सदन के वाकाआउट कर जाने के बीच विपक्ष की अनुपस्थिति में सदन ने उद्योग विभाग की बजटीय मांग को ध्वनिमत से पारित कर दिया।(एजेंसी)