Chhath Puja ,Chhath Puja 2023
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पटना: बिहार में कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं तीन दी बाद राज्य का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा (Chhath Puja) होने वाला है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचाने के लिए राज्य सरकार (State Government) ने रविवार को दिशा निर्देश (Guidelines) जारी कर दिए हैं. जिसके तहत इस बार घाटों में श्रद्धालुयों को उगते और डूबते समय अर्ध्य देते समय स्नान करने की मनाही रहेगी. वहीं 10 साल से लेकर 60 वर्षीया लोग ही सार्वजनिक जगह पर शामिल होंगे.

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स:

  • जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय छठ पूजा समितियों नागरिका इकाईयों , वार्ड पार्षदों , त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने हेतु बैठक आयोजित कर COVID – 19 के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय – समय पर निर्गत निदेशों का प्रर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए.
  • गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे अवस्थित घाटों पर छठ पर्व के दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी का अनुपालन करा पाना कठिन है. अतः लोगों को अधिकाधिक रूप से प्रेरित किया जाए कि अपने घरों पर ही छठ पूजा करें.
  • गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों एवं तालाब घाटों पर COVID – 19 के संक्रमण के फैलने से रोकने हेतु छठ पर्व के दौरान सुबह एवं शाम को दिए जाने वाले अर्घ को घर पर ही करने की सलाह दी जाए.
  • महत्वपूर्ण नदियों से यदि पूजा हेतु जल लेकर जाना चाहें तो जिला प्रशासन द्वारा इसको विनियामित (Regulate ) करते हुए जल ले जाने हेतु आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए. इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं सोशल डिसटेसिंग  का अनुपालन किया जाना चाहिए.
  • ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाबों पर छठ महापर्व के आयोजन के दौरान मास्क का प्रयोग एवं सोशल डिसटेसिंग के मानकों का अनुपालन कराया जाना चाहिए.
  • ग्रामीण एवं शहरों में में स्थित तालाबों में जहां अर्घ की अनुमति दी जाएगी, वहीं उसके पहले और बाद ने सैनीटाइजेसन का कार्य नगर निगम और ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाना चाहिए.
  • जिन तालाबों परब अर्घ्य की अनुमति दी जाए . वहां कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने की भी कार्रवाई की जानी चाहिए. इस हेतु आवश्यक प्रचार – प्रसार सनात्री का उपयोग किया जाना चाहिए. साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी जागरूकता उत्पन्न किया जाना चाहिए.
  • छठ पूजा के आयोजकों/कार्यकर्ताओं एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तो का पालन करना होगा.
  • छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों , यथा – वैरीकेडिंग आदि को समय – समय पर साफ एवं प्रभावी कीटाणुनाशक से विसंक्रमित किया जाए. आम जन को खतरनाक घाटों के बारे में समाचार माध्यमों से सूचना दी जाए ताकि अधिक भीड़ – भाड़ की स्थिति न बने 
  • छठ पूजा घाट पर यत्र – तत्र थूकना सर्वचा वर्जित होगा. तालाब में अर्घ्य देने के दौरान दूरी बनाके रखना अनिवार्य है. इस प्रकार  बैरिकेडिंग की जाय कि लोग सूबकी न लगा सकें. 
  • पूजा घाट पर बैठने या खड़े रहने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी, ताकि पर्याप्त सामाजिक पूरी बनी रहे. दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जाय एवं मास्क का प्रयोग किया जाय.
  •  छठ पूजा घाट के आस – पास साथ पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा. कोई सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग का वितरन नहीं किया जाएगा.
  •  छट पूजा के दौरान 60 वर्ष से अपीक उम्र के व्यक्ति 10 वर्ष से कम उम के मध्ये , मुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से प्रस्त व्यक्ति को सलाह दी जाती है.