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    दरभंगा. बिहार (Bihar) के दरभंगा की यह घटना बेहद दुखद है। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से पिता की मौत के बाद बेटे ने शव लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद एक मुस्लिम युवक (Muslim Man) ने बेटे का फर्ज निभाया। 

    दरअसल बिहार (Darbhanga Bihar) के दरभंगा के DMCH अस्पताल में  रेलवे से रिटायर एक शख्स की कोरोना से मौत हो गई। इसकी सूचना तत्काल परिवार को दी गई, लेकिन मृत बुजुर्ग के बेटे ने अस्पताल प्रशासन को लिखकर दिया कि, आदमी की कमी होने के चलते वह शव को ले जाने में असमर्थ है। इसलिए वो अपने पिता का शव नहीं ले जा सकता।जिसके बाद उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया।

    बता दें कि, मृतक बुजुर्ग कमतौल थाना के पीडारुच गांव का रहने वाला थे। उसके तीन बेटे और पत्नी है। एक बेटे को छोड़ परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। जिसके बाद अस्पताल प्रसाशन ने इसकी सूचना कबीर सेवा संस्थान को दी, मानव धर्म निभाते हुए संस्था के लोगों ने शव को देर रात हिन्दू रीति रिवाज से दाह संस्कार कर मानव सेवा का मिशाल काय किया है। 

    शव के दाह संस्कार के बाद आइसोलेशन में रह रहे सेवा संस्थान के सदस्य मोहम्मद उमर (Mohammad Umar) ने वीडियो जारी किया है। जिसमें वे कह रहे हैं कि, कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने तक वे खुद को क्वारंटीन रखेंगे, ताकि परिवार और समाज तक संक्रमण न पहुंचे। साथ ही उन्होंने कहा, कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं, बल्कि कोविड गाइडलाइन का पालन कर इससे लड़ा जा सकता है। 

    उमर ने यह भी बताया कि, कोरोना के डर से बेटे ने अपना फर्ज नहीं निभाया, लेकिन संस्था के लोगों ने मानव धर्म निभाया है। मुस्लिम होने का हवाला देते हुए उसने कहा कि उसने न सिर्फ शव के दाह संस्कार में बाहर से मदद की बल्कि अपने संस्थान के हिन्दू लोगों को इकट्ठा कर हिन्दू रीति रिवाज से ही शव का अंतिम संस्कार भी किया।