Delhi's mushroom-producing farmer sending ten of his employees to Bihar by plane

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नई दिल्ली. बिहार के 10 प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के सपनों को लॉकडाउन शुरू होने के दो महीने बाद पंख मिले हैं जब वे अपने नियोक्ता की मदद से बिहार की हवाई यात्रा कर रहे हैं। इन प्रवासियों की बिहार की राजधानी पटना की उड़ान बृहस्पतिवार सुबह छह बजे की है। इन्होंने अप्रैल में घर जाने की योजना बनाई थी और अब उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि वे समस्तीपुर में अपने घर पैदल चलकर या साइकिल से नहीं बल्कि विमान यात्रा करके जाने वाले हैं। अपने बेटे के साथ लौट रहे लखिंदर राम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने जिदंगी में कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हवाई जहाज में सफर करूंगा। मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। लेकिन मुझे थोड़ी घबराहट भी है कि कल हवाईअड्डे पर पहुंचने पर हमें क्या करना होगा।”

उन्होंने दिल्ली के तिगिपुर गांव के मशरूम उत्पादक किसान पप्पन सिंह का आभार जताया जिनकी मदद से प्रवासियों की नई कहानी लिखी जा रही है। लखिंदर ने जब पत्नी को बताया कि वह विमान से घर लौटेंगे तो वह सहसा विश्वास नहीं कर पायीं। उनका बेटा नवीन राम पप्पन के खेतों में आठ साल से काम कर रहा है जबकि 50 वर्षीय लखिंदर खुद 27 साल से उनके साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद से उनके नियोक्ता ने उनके रहने, खाने का पूरा ध्यान रखा। पप्पन ने बताया कि उन्होंने 68,000 रूपये के टिकट बुक किए और सभी को तीन-तीन हजार रूपये नकद दिए ताकि घर पहुंचने में उन्हें किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह वह अपने सभी कर्मचारियों को अपने वाहनों से हवाईअड्डे पर छुड़वाएंगे।

पप्पन ने बताया ,‘‘ये सभी 10 कर्मचारी बिहार के लिए ट्रेन से अप्रैल के पहले ही हफ्ते में निकल लिए होते लेकिन लॉकडाउन के कारण वे नहीं जा पाए।” उन्होंने बताया कि श्रमिक विशेष ट्रेनों से उन्हें घर भेजने में जब वह सफल नहीं हुए तब यह फैसला लिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें हजारों मील पैदल भेजने का जोखिम नहीं ले सकता था । इससे उनका जीवन खतरे में पड़ सकता था।” सभी दस कर्मचारियों के स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र मिल चुके हैं और वे हवाई यात्रा करने के लिहाज से स्वस्थ हैं।(एजेंसी)