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जम्मू. जम्मू कश्मीर सरकार की वर्ष 2016-17 में कुल राजस्व प्राप्तियां 41,980.72 करोड़ रुपये रहीं, जो इससे पिछले वर्ष में 35,780.60 करोड़ रुपये थी। यह राजस्व प्राप्ति में 6,200.12 करोड़ रुपये की वृद्धि को दर्शाता है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। कैग की बुधवार को संसद के पटल पर रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल प्राप्तियों का 28 प्रतिशत, कर राजस्व (7,819.13 करोड़ रुपये) और गैर-कर राजस्व (4,074.44 करोड़ रुपये) से प्राप्त किया गया, वहीं शेष 72 प्रतिशत में (9,488.60 करोड़ रुपये) केन्द्रीय करों एवं शुल्कों में राज्य के हिस्से के तौर पर और (20,598.55 करोड़ रुपये) अनुदान सहायता के रूप में प्राप्त हुये।

कैग ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। कैग की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर को 2017- 18 में 7,595 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष हासिल हुआ। इस दौरान राज्य का कुल व्यय बढ़कर 51,294 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस दौरान राज्य में वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री पर कर और जीएसटी से भी राजस्व वृद्धि दर्ज की गई। यह राजस्व 2013- 14 में जहां 4,579 करोड़ रुपये पर था वहीं यह 2017- 18 में 7,104 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

कैग की जम्मू कश्मीर के 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान राज्य का राजस्व अधिशेष जो कि 2016- 17 में 2,166 करोड़ रुपये था 2017- 18 में बढ़कर 7,595 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान राजकोषीय घाटा 6,177 करोड़ रुपये से कम होकर 2,778 करोड़ रुपये रह गया। वहीं राज्य का प्राथमिक घाटा 2016- 17 के 1,610 करोड़ रुपये से सुधरकर 2017- 18 में 1,885 करोड़ रुपये के प्राथमिक अधिशेष में पहुंच गया।

जम्मू और कश्मीर सरकार के 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिए राजस्व क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सामाजिक, सामान्य और आर्थिक क्षेत्रों) पर जारी रिपोर्ट से पता चला कि वर्ष 2016-17 के दौरान बिक्री कर, मूल्य वर्धित कर, राज्य आबकारी शुल्क, मोटर वाहन और कानून विभाग की कुल अंकेक्षण योग्य 261 इकाइयों में से 61 इकाइयों के रिकॉर्ड की परीक्षण जांच दर्शाता है कि कम आकलन, कम लेवी, राजस्व हानि कुल 763 मामलों में 316.16 करोड़ रुपये की रही है। वर्ष के दौरान, संबंधित विभागों ने 104 मामलों में शामिल 5.88 करोड़ रुपये के कमतर मूल्यांकन और अन्य खामियों को स्वीकार किया, जो वर्ष 2016-17 और उसके पहले के वर्षो में लेखापरीक्षा में इंगित किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभागों ने पिछले वर्ष के साथ-साथ वर्ष 2016-17 के अंकेक्षणों के निष्कर्षों के 25 मामलों में 57.74 लाख रुपये एकत्र किए। (एजेंसी)