Four trains for migrant workers from Jammu and Kashmir will leave for Chhattisgarh and Madhya Pradesh
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जम्मू. जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी कामगारों को लेकर चार रेलगाड़ियां अगले दो दिन में रियासी जिले के कटरा रेलवे स्टेशन से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगी। यह जानकारी आधिकारिक प्रवक्ता ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि 19 से 28 मई के बीच 19 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से करीब 30,500 प्रवासी कामगारों को जम्मू-कश्मीर से उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है। प्रवक्ता ने बताया कि दो जून को दो रेलगाड़ियां छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के लिए रवाना होंगी। पहली रेलगाड़ी दोपहर एक बजे रवाना होगी और दिल्ली-कटनी-शहडोल-अनूपपुर के रास्ते जाएगी और बिलासपुर एवं चंपा रुकेगी।

वहीं दूसरी रेलगाड़ी शाम पांच बजे रवाना होगी और दिल्ली-भोपाल-नागपुर के रास्ते जाएगी और रायपुर, भाटापारा, बिलासपुर एवं चंपा रुकेगी। प्रवक्ता ने बताया कि तीन जून को पहली रेलगाड़ी एक बजे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के लिए रवाना होगी और दिल्ली-कटनी-शहडोल-अनूपपुर के रास्ते जाएगी और बिलासपुर और चंपा रुकेगी, जबकि दूसरी रेलगाड़ी शाम पांच बजे मध्यप्रदेश के अनूपपुर के लिए रवाना होगी और ग्वालियर-सागर-अनूपपुर के रास्ते जाएगी। इस रेलगाड़ी का ग्वालियर और सागर में ठहराव होगा। प्रवक्ता ने कहा कि केवल उन्हीं प्रवासी कामगारों को कटरा रेलवे स्टेशन पर आने की अनुमति होगी जिन्होंने श्रम विभाग या संबंधित जिला प्रशासन के समक्ष अपना पंजीकरण कराया है।

उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है और इसके मुताबिक प्रवासी कामगारों को बिना चिकित्सा जांच संबंधित जिले से बस पर सवार होने की अनुमति नहीं होगी। जांच के बाद ही उन्हें बस से रेलवे स्टेशन पहुंचाया जाएगा। प्रवक्ता ने पंजीकरण नहीं कराने वाले सभी प्रवासी कामगारों से अपील की कि वे पहले ही घोषित की जा चुकी वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराएं और अपनी बारी का इंतजार करें। उन्होंने कहा, ‘‘प्रवासी कामगारों को पंजीकरण कराने में मदद करने के लिए श्रम विभाग के क्षेत्र कर्मियों को भी तैनात किया गया है। जिन प्रवासी कामगारों ने पहले ही अपना पंजीकरण वेबसाइट पर करा लिया है उन्हें दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है एवं वे अपनी बारी का इंतजार करें। वे पैदल राजमार्ग पर चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचने से बचे।” प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने प्रवासी कामगारों की मदद के लिए प्रत्येक जिले में सहायता डेस्क बनाया है।(एजेंसी)