Government of Bihar, Department of Posts join hands for online delivery of 'Shahi Litchi'
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 मुजफ्फरपुर (बिहार).  बिहार सरकार और डाक विभाग की पहल के कारण लीची के शौकीन इस बार बाहर निकले बिना घर पर ही उत्तम गुणवत्ता वाली स्वादिष्ट एवं मौसमी ‘शाही लीची’ का लुत्फ उठा सकेंगे। बिहार के मुजफ्फरपुर की विशेषता-‘शाही लीची’ अनूठी खुशबू और अत्यधिक रसीली होने के कारण लीची की अन्य किस्मों से जुदा है। इसका बीज भी लीची की अन्य किस्मों के बीज से छोटा होता है।

‘शाही लीची’ को दो साल पहले ही ‘जीआई’ (भौगोलिक संकेतक) टैग मिल गया था। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बिहार सरकार और डाक विभाग ने मिलकर इस बार लोगों के घरों तक शाही लीची पहुंचाने का जिम्मा उठाया है। जिला बागवानी अधिकारी अरुण कुमार ने कहा, ‘‘25 मई से लोग राज्य बागवानी विभाग की वेबसाइट ‘हॉर्टिकल्चरडॉटबिहारडॉटजीओवीडॉटइन’ पर ऑर्डर दे सकेंगे।”

उन्होंने बताया कि यह सुविधा शुरुआत में पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी और यदि प्रतिक्रिया अच्छी मिलती है तो इस सेवा को ‘‘बिहार के सभी जिलों” में मुहैया कराया जाएगा। मुजफ्फरगनर के महाडाकपाल अशोक कुमार ने कहा, ‘‘डाक विभाग 24 घंटे में डिलीवरी सुनिश्चित करेगा, लेकिन दो किलोग्राम या उससे अधिक के ही ऑर्डर बुक किए जाएंगे।” सरकार और डाक विभाग की इस पहल का लीची की खेती करने वालों ने स्वागत किया है। ‘मुरौल फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी’ के सीईओ ने कहा, ‘‘लीचियां पकने लगी हैं लेकिन सामान्य से कम मांग चिंता का विषय था।

इसकी खेती करने वालों को उम्मीद है कि ऑनलाइन डिलिवरी की सुविधा से अच्छे दिन वापस लाने में मदद मिलेगी।” ‘मुरौल फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी’ से 750 किसान जुड़े हैं, जिनमें से 50 किसान शाही लीची उगाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान ऑनलाइन सुविधा के कारण पैदा होने वाले नए बाजार से अच्छा लाभ कमाने की उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण लीची उगाने वालों को बाजार तक इसे ले जाने में दिक्कत हो रही थी। इसके अलावा लेागों के घरों में ही रहने के कारण बाजार में भी पहले सी रौनक नहीं है और मांग कम है।”