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    चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने शुक्रवार को श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर (Labor Rights Activist Nodeep Kaur) को जमानत (Bail) दे दी। कौर को 12 जनवरी को हरियाणा के सोनीपत (Sonipat) जिले में एक औद्योगिक इकाई का कथित तौर पर घेराव करने और जबरन उगाही के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 

    कौर के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा, ‘‘अदालत ने नवदीव कौर की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी है।” कौर (23) ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पिछले महीने सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद थाने में उनकी कई बार बेरहमी से पिटाई की गई। 

    अपनी याचिका में कौर ने कहा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया। 

    श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि मामले में उन्हें ‘‘निशाना बनाया गया और गलत तरीके से फंसाया गया” क्योंकि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रही थीं। पंजाब के मुक्तसर जिले की निवासी कौर हरियाणा की करनाल जेल में बंद हैं। वह मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं। 

    उच्च न्यायालय ने 24 फरवरी को याचिका को शुक्रवार (26 फरवरी) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। इससे पहले, सोनीपत की एक अदालत ने उगाही के दो अन्य मामले में कौर को जमानत दे दी थी। कौर के परिवार ने कार्यकर्ता को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है। उनकी बहन राजवीर कौर ने कहा कि उनका परिवार खुश है कि अब उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा। 

    राजवीर कौर ने कहा, ‘‘उन्हें जेल में डेढ़ महीना बिताना पड़ा।” कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नवदीप कौर को जेल से रिहा किया जाएगा। (एजेंसी)